अयोध्या विवाद: गैरविवादित जमीन को लेकर केंद्र सरकार की अर्जी का निर्मोही अखाड़े ने किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट में दायर की याचिका

विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थान के आसपास 67.390 एकड़ अविवादित अधिग्रहित भूमि को मूल मालिकों को लौटाने की अपील की गई है. वहीं, केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है

सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: PTI)

नई दिल्ली: निर्मोही अखाड़े ने अयोध्या विवाद में केंद्र सरकार की याचिका का विरोध किया है. अयोध्या की अधिग्रहित जमीन पर केंद्र सरकार की अर्जी का निर्मोही अखाड़े ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. जिसमें विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थान के आसपास 67.390 एकड़ अविवादित अधिग्रहित भूमि को मूल मालिकों को लौटाने की अपील की गई है. वहीं, केंद्र सरकार की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट में अबतक कोई सुनवाई नहीं हुई है. अखाड़े ने कहा कि सरकार द्वारा भूमि के अधिग्रहण से उसके द्वारा प्रबंधित विभिन्न मंदिर नष्ट हो गए थे. इसलिए, अदालत को विवाद का फैसला करना चाहिए.

बता दें कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 2010 में फैसला दिया था कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल पर 2.77 एकड़ विवादित भूमि तीन बराबर हिस्सों में बांटी जाएगी और उसे निर्मोही अखाड़ा, सुन्नी वक्फ बोर्ड और राम लल्ला को दिया जाएगा. निर्मोही अखाड़े ने अपनी नई अर्जी में केंद्र की याचिका का विरोध किया है जिसमें उसने सुप्रीम कोर्ट के 2003 के फैसले में संशोधन की अपील की है। 2003 के फैसले में अयोध्या में विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद स्थल के आसपास 67.390 एकड़ अविवादित अधिग्रहित जमीन मूल मालिकों को लौटने की अनुमति दी गई है.

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दायर इस याचिका में कहा गया है कि केंद्र ने राम जन्मभूमि न्यास को अधिग्रहित भूमि लौटने का प्रस्ताव दिया है और अधिग्रहित जमीन पर कई मंदिर हैं. अगर जमीन किसी एक पक्ष को दी गई तो इससे उनके अधिकार प्रभावित होंगे. ( भाषा इनपुट)

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