अयोध्या: राम नगरी अयोध्या (Ayodhya) में भव्य राम मंदिर के निर्माण कार्य में बाधा आ रही है, क्योंकि मंदिर की नींव के लिए मिट्टी टेस्ट में सफल नहीं हो पाई है. मिट्टी में पाइलिंग यानी पिलर डालने में समस्या आ रही है. राममंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय ने कहा कि आईआईटी, इंजीनियरिंग संस्थानों और निर्माण कंपनियों के विशेषज्ञों के साथ परामर्श जारी है. चंपत राय के अनुसार, टेस्ट पाइल्स (खंभे) को 125 फीट की गहराई पर रखा गया था और 28 दिनों के बाद, उन्हें 700 टन वजन के साथ-साथ भूकंप के झटकों के अधीन करके परीक्षण किया गया था लेकिन परिणाम मानदंडों के अनुसार नहीं थे और इसलिए, काम वहीं रुक गया.
समस्याओं के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि पश्चिमी तरफ पानी का प्रवाह है, जहां सरयू नदी से पवित्र अभयारण्य बनाया जाना है. 17 मीटर नीचे तक कोई 'मूल मिट्टी' नहीं है और उसके नीचे भुरभुरी मिट्टी पाई जा रही है, जो नींव को मजबूत पकड़ बनाने से रोकता है. Yearender 2020: साल 2020 में ऐतिहासिक राम मंदिर के भूमि पूजन से लेकर हाथरस दुष्कर्म कांड तक इन सभी घटनाओं का साक्षी बना उत्तर प्रदेश.
राय ने कहा, मद्रास, बॉम्बे, गुवाहाटी और सूरत के आईआईटी के विशेषज्ञों को जोड़ते हुए, सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CBRI) रुड़की, टाटा, लार्सन एंड टुब्रो और मंदिर के प्रोजेक्ट मैनेजर जगदीश इस बात पर चर्चा कर रहे हैं कि कैसे एक मजबूत आधार सुनिश्चित किया जाए और वाटर इनफ्लो से निपटा जाए.
उन्होंने कहा, "जमीन के नीचे पानी के संभावित प्रवाह को रोकने के लिए राम मंदिर के आसपास जमीन के नीचे एक रिटेनिंग वॉल बनाई जाएगी." राय ने कहा कि मंदिर की नींव पर काम जनवरी में शुरू होगा, क्योंकि विभिन्न आईआईटी और इंजीनियरिंग संस्थानों के विशेषज्ञ एक रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं.