बेंगलुरू, 2 जून : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) पर हमला करने वाले तीन आरोपियों ने यू-टर्न लेते हुए दावा किया कि कन्नड़ में न बोलने की वजह से उन पर हमला किया गया. पुलिस सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने यह भी कहा कि वह आरोपियों के बयानों की जांच कर रही है. सोमवार को बेंगलुरु के गांधी भवन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए टिकैत पर हमला किया गया और काला पेंट फेंका गया. पुलिस ने तीन लोगों - भरत शेट्टी, भारत रक्षा वेदिके के अध्यक्ष, शिवकुमार और प्रदीप को गिरफ्तार किया था. आरोपियों ने हमले को अंजाम देने के दौरान और पुलिस द्वारा ले जाते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का नाम लिया था. जांच अधिकारी इस घटना को सोची समझी साजिश के तौर पर देख रहे हैं. पुलिस सूत्रों ने कहा, "आरोपी का बयान भ्रामक है और आगे की जांच की जाएगी."
पुलिस ने आरोपितों को 6 दिन के रिमांड पर लिया है. जांच में आरोपी व्यक्तियों के पिछले अपराध इतिहास का भी पता चला है.शिवकुमार ने मंच पर आकर राकेश टिकैत पर हमला किया और बाद में अन्य किसान नेताओं पर भी हमला करने की कोशिश की. जांच से पता चला है कि शिवकुमार हत्या के एक मामले में आरोपी था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. 2015 में अच्छे आचरण के लिए उन्हें रिहा कर दिया गया. रिहाई के बाद, वह अपनी बहन के साथ एक संगठन में सक्रिय था और कई विरोध प्रदर्शनों में भाग लिया. पुलिस उसके अन्य अपराधों में शामिल होने की जांच कर रही है. यह भी पढ़ें : भविष्य में कांग्रेस के साथ दोबारा काम नहीं करूंगा: प्रशांत किशोर
एक अन्य आरोपी प्रदीप कैब ड्राइवर है. उसने राकेश टिकैत व अन्य पर काला पेंट डाला था. पुलिस ने उन महिलाओं की भी तलाश शुरू कर दी है, जो उस दिन कार्यक्रम के दौरान आरोपियों के साथ देखी गई थीं. पुलिस ने बताया कि घटना के बाद से ये सभी गायब हो गए हैं. टिकैत कर्नाटक राज्य किसान संघ और हसीरू सेने द्वारा आयोजित किसान आंदोलन, आत्मनिरीक्षण और स्पष्टीकरण बैठक पर एक संवाददाता सम्मेलन में भाग ले रहे थे. कांग्रेस ने इस घटना को राज्य पर काला धब्बा बताया है.