प्रयागराज: उमेश पाल अपहरण केस में अतीक अहमद (Atiq Ahmed) को उम्रकैद की सजा होने के बाद माफिया अतीक अहमद फिर से खौफ में आ गया है. सजा सुनने के बाद अतीक ने कोर्ट से गुजारिश करते हुए कहा, 'मुझे साबरमती जेल में ही भेज दो, मुझे यहां नहीं रहना.' अतीक अहमद के वकील ने कहा कि हम ऊपरी अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे. अतीक के वकील का दावा है कि उसे साबरमती जेल ले जाया जाएगा. अतीक अहमद के भाई अशरफ को बरी किए जाने पर, राजू पाल की पत्नी ने जताई नाराजगी, जानें क्या कहा.
बता दें कि पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के करीब 17 साल पुराने मामले में माफिया-नेता एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को मंगलवार को दोषी करार देते हुए सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. कोर्ट ने अतीक अहमद के भाई अशरफ सहित छह अन्य को बरी कर दिया है.
उमेश पाल के परिजन ने अदालत के फैसले पर संतोष जाहिर किया है. लेकिन, उन्हें डर है कि अतीक अहमद जेल से कुछ भी करा सकता है लिहाजा उमेश की हत्या के मामले में उसे फांसी की सजा दी जाए.
उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले का चश्मदीद गवाह था. राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है. उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया तो 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था. अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था.
उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.