Assembly Seat: परिवार के गढ़ पुलिवेंदुला पर कब्जा कायम रख सकेंगे जगन?
Jagan Mohan Reddy-(Photo Credits ANI)

अमरावती, 9 मई : चार दशकों से अधिक समय से पुलिवेंदुला विधानसभा सीट पर वाईएसआर परिवार की पकड़ इस कदर मजबूत रही है कि इस दौरान चुनावों के नतीजों को लेकर कभी संदेह नहीं रहा और अक्सर इंतजार केवल जीत का अंतर जानने का होता था. येदुगुरी संदिंती राजशेखर (वाईएसआर) रेड्डी से लेकर उनके भाई, चाचा, पत्नी और बेटे तक सभी ने परिवार के गृह जिले कडप्पा में इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है, जिसका नाम अब दिवंगत मुख्यमंत्री के नाम पर रखा गया है. कांग्रेस के खिलाफ विद्रोह के बाद एक नया दल वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) बनाने के बाद भी वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने सुनिश्चित किया कि निर्वाचन क्षेत्र पर परिवार की पकड़ बनी रहे.

जगन 2019 में अपनी जीत के साथ अपने पिता के बाद मुख्यमंत्री पद पर आसीन होने वाले पुलिवेंदुला से दूसरे विधायक बन गए. पांच साल बाद उन्हें न केवल सत्ता बरकरार रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है, बल्कि घरेलू मैदान पर उत्साही विपक्ष से भी जूझना पड़ रहा है. सत्तारूढ़ वाईएसआरसीपी ने विधानसभा चुनावों में क्लीन स्वीप करने के लक्ष्य के साथ '175 क्यों नहीं' का नारा गढ़ा, तो तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 'पुलिवेंदुला क्यों नहीं' का जवाबी नारा दिया. यह भी पढ़ें : आईसीएमआर ने संशोधित आहार दिशानिर्देश जारी किए, ‘प्रोटीन सप्लीमेंट’ से बचने का आग्रह किया

जहां जगन ने टीडीपी सुप्रीमो एन. चंद्रबाबू नायडू के गढ़ कुप्पम पर कब्जे का प्रयास किया, तो वहीं नायडू ने लड़ाई को वाईएसआरसीपी प्रमुख के दरवाजे तक पहुंचा दिया. टीडीपी, जन सेना और भाजपा के साथ गठबंधन में 13 मई का चुनाव लड़ रही है. वह जगन को उनके गृह क्षेत्र में हराने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. 'बी.टेक' रवि के नाम से जाने जाने वाले टीडीपी के मारेड्डी रवींद्रनाथ रेड्डी पुलिवेंदुला से जगन को हैट्रिक से रोकने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं. लेकिन जिस चीज ने जगन की समस्याओं को बढ़ा दिया है, वह उनके परिवार की अंदरूनी दरार है.

जगन की बहन वाई.एस. शर्मिला 2011 में वाईएसआरसीपी बनाने के बाद से हर चुनाव में उनके साथ खड़ी थीं. लेकिन वह न केवल प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस में शामिल हो गई हैं, बल्कि मौजूदा सांसद वाई.एस. अविनाश रेड्डी के खिलाफ कडप्पा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव भी लड़ रही हैं. पुलिवेंदुला कडप्पा लोकसभा क्षेत्र के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है, जिसे वाईएसआर परिवार का गढ़ भी माना जाता है. हालांकि, अपने चाचा और पूर्व मंत्री वाई. विवेकानंद रेड्डी की हत्या के आरोपों के कारण भाई-बहन की प्रतिद्वंद्विता और कटुता ने जगन के लिए राह मुश्किल कर दी है.

विवेकानंद रेड्डी की 2019 के चुनावों से कुछ दिन पहले हत्या कर दी गई थी. पांच साल बाद सनसनीखेज मामला जगन को परेशान के लिए उठ रहा है. विवेकानंद रेड्डी की बेटी वाई.एस. सुनीता ने न्याय की लड़ाई में शर्मिला के साथ हाथ मिलाया है. चचेरी बहनें जगन से सवाल कर रही हैं कि सीबीआई ने मामले में आरोपी के रूप में अविनाश रेड्डी को नामित किया. इसे बावजूद उन्होंने उन्हें एक बार फिर चुनावी मैदान में क्यों उतारा.