Assam Floods: बाढ़ में बह गए डिब्रूगढ़ के दो गांव, 95 परिवार शेल्टर होम में रहने को मजबूर, अब तक 89 की मौत

गुवाहाटी: असम इन दिनों बाढ़ की मार झेल रहा है. इस दौरान राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि असम के 26 जिले अब बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, में प्रभावित लोगों की संख्या बढ़कर 26 लाख से अधिक हो गई है. एक सरकारी बुलेटिन में जानकारी दी गई कि बाढ़ से 26,31,343 लोग प्रभावित हुए हैं. उन्हें एक स्थान से दूसरे स्थान सुरक्षित ले जाया गया है. अब तक राज्य में बाढ़ और भूस्खलन से 115 लोगों की जान जा चुकी है जिनमें 89 लोग बाढ़ से संबंधित घटनाओं में मारे गये, वहीं 26 ने भूस्खलन में जान गवाई.

न्यूज एजेंसी ANI ने बताया, डिब्रूगढ़ में रंगा मोला और मिरी गांवों में बाढ़ की चपेट में आने से लगभग 95 परिवार अस्थायी शेल्टर में रह रहे हैं. एक स्थानीय ने कहा, "मेरा गांव यहां से लगभग 3.5 किमी दूर हुआ करता था, मुझे डर है कि यह जगह बाढ़ में बह जाएगी." यह भी पढ़ें: बिहार, असम, समेत देश के अन्य राज्यों में बाढ़ और बारिश से बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ ने 122 टीमें तैनात कीं.

बाढ़ से प्रभावित असम में जनजीवन अस्त व्यस्त 

रिपोर्ट्स के अनुसार कि लगभग 2,525 गांव ब्रह्मपुत्र के बढ़ते जल के प्रभाव से इसकी अन्य सहायक नदियों के बीच से गुजर रहे हैं. राज्य के कुछ हिस्सों में इन नदियों के बढ़ते जल स्तर ने 1,15,515.25 हेक्टेयर फसल को प्रभावित किया है. अधिकारियों ने बताया कि काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ के कारण लगभग 120 पशुओं की मौत हो गई है, जबकि 147 को अधिकारियों ने बचा लिया है.

बाढ़ की स्थितियों के मद्देनजर, केंद्र ने बुधवार को घोषणा की कि वह पहले चरण में असम को बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम (एफएमपी) योजना के तहत 346 करोड़ रुपये जारी करेगा. इस बीच, केंद्र ने कहा कि वह भूटान के साथ राज्य के निचले हिस्सों में बाढ़ की समस्या को हल करने के लिए बातचीत करेगा.

इससे पहले 19 जून को, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ बातचीत की और राज्य में बाढ़, COVID-19 स्थिति और बागान तेल की आग की स्थिति का जायजा लिया. सीएम सोनोवाल ने एक ट्वीट में कहा, "लोगों के प्रति अपनी चिंता और एकजुटता व्यक्त करते हुए, पीएम ने राज्य को हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया."