गुवाहाटी: असम में विनाशकारी बाढ़ का कहर जारी है. बुधवार को बाढ़ ने आठ और लोगों की जान ले ली, जिससे इस साल राज्य में बाढ़ से मरने वालों की कुल संख्या 46 हो गई है. बुधवार शाम तक बाढ़ ने 29 जिलों के 2800 गांवों के 16.25 लाख लोगों को प्रभावित किया था. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) की दैनिक बाढ़ रिपोर्ट के अनुसार, सोनितपुर जिले के तेजपुर राजस्व क्षेत्र में दो लोगों की मौत हो गई जबकि मोरीगांव के मायोंग, डिब्रूगढ़ के नहरकटिया, दरांग के पब मंगलाडी, गोलाघाट के देरगांव, बिश्वनाथ के हलेम और तिनसुकिया के मार्गेरिटा में एक-एक व्यक्ति की डूबने से मौत हुई. Assam Floods: काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में 11 जंगली जानवर डूबे, 65 को बचाया गया.
इसके अलावा सोनितपुर, शिवसागर और गोलाघाट जिलों में तीन अन्य लोग लापता हैं तथा उनके बाढ़ के पानी में बह जाने की आशंका है. प्रशासन, राज्य आपदा मोचन बल, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, आपात सेवा और वायु सेना राज्य के विभिन्न हिस्सों में बचाव एवं राहत अभियान में शामिल है.
बाढ़ के कारण बारपेटा, विश्वनाथ, कछार, चराईदेव, चिरांग, दारांग, धेमाजी, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, जोरहाट, कामरूप मेट्रोपोलिटन, कार्बी आंगलोंग, करीमगंज, लखीमपुर, माजुली, मोरीगांव, नगांव, नलबाड़ी, शिवसागर, सोनितपुर, तमुलपुर, तिनसुकिया और उदालगुड़ी जिले प्रभावित हैं.
ये जिले सबसे अधिक प्रभावित
रिपोर्ट में कहा गया है कि लखीमपुर में सबसे ज्यादा 1.65 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. लखीमपुर जिले में सबसे ज़्यादा 165,319 लोग प्रभावित हैं. इसके बाद दरांग जिले में 147,143, गोलाघाट जिले में 106,480, धेमाजी जिले में 101,888, तिनसुकिया में 74,848, बिश्वनाथ में 73,074, कछार में 69,567, माजुली में 66,167, सोनितपुर में 65,061 और मोरीगांव जिले में 48,452 लोग प्रभावित हैं.
शरणार्थी बने 2.90 लाख से अधिक लोग
विभिन्न जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए 490 राहत शिविरों में 2.90 लाख से अधिक लोगों ने शरण ली है. रिपोर्ट में कहा गया है कि ज्यादातर प्रभावित जिलों में बाढ़ के पानी के कारण तटबंधों, सड़कों, पुलों तथा अन्य बुनियादी ढांचों को नुकसान पहुंचा है.