गुवाहाटी: असम में बाढ़ (Flood In Assam) से मरने वाले लोगों की संख्या सोमवार को 67 (67 People died) हो गई, जबकि वन विभाग के अधिकारियों ने 187 जानवरों (187 Animals Died) के मारे जाने की बात कही है. इसमें 15 एक सींग वाले गैंडे, एक हाथी और 100 से अधिक हिरण शामिल हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सोमवार को कहा कि बीते 24 घंटों में दो और लोगों के मरने के साथ मरने वालों की संख्या 67 हो गई है. उन्होंने कहा कि राज्य में धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं.
बाढ़ से सोमवार तक 33,55,837 लोग अभी भी प्रभावित हैं. बाढ़ से धेमाजी, बिस्वनाथ, दरांग, बरपेटा, नालबाड़ी, चिरांग, बोंगइगांव, कोकराझार, धुबरी, दक्षिण सलमारा, कामरूप (मेट्रो), कामरूप, मोरीगांव, नागौन, जोरहाट, गोलाहाट व कचर जिले के 2000 से ज्यादा गांवों पर असर पड़ा है.
वर्तमान में बाढ़ से काजीरंगा राष्ट्रीय पार्क का लगभग 90 फीसदी भाग डूबा हुआ है. इससे जंगली जानवरों को बाहर निकलकर ऊंचाई वाले स्थानों को जाने को मजबूर होना पड़ा है. बाढ़ के पानी से बीते एक हफ्ते से शिकार विरोधी कैंप भी डूबे हुए हैं. यह भी पढ़ें: असम में बाढ़: पानी-पानी हुआ काजीरंगा नेशनल पार्क, उद्यान का 70 फीसदी हिस्सा जलमग्न, ऊंचे इलाकों में पहुंचाए गए जानवर
पार्क के अधिकारियों ने कहा कि बाढ़ की स्थिति में धीरे-धीरे सुधार दिख रहा है क्योंकि जल स्तर में कमी होती दिख रही है. एक अधिकारी ने कहा, "जलस्तर में गिरावट दिख रही है। हमने जलस्तर में सोमवार सुबह तक 162 सेमी की गिरावट दर्ज की है."
अधिकारी ने कहा कि गांव के लोगों के साथ वन विभाग के कर्मचारी परेशान जानवरों को बचाने के काम में जुटे हुए हैं. उन्होंने कहा कि 16 जानवर राष्ट्रीय राजमार्ग 37 पर तेज रफ्तार वाहनों द्वारा मारे गए, जबकि 15 गैंडों व एक हाथी की मौत डूबने से हुई. उन्होंने कहा, "कुल 13 जंगली सुअर, 12 सांभर, 6 हॉग डियर, दो भैंस व तीन साही की मौत भी डूबने से हुई है."