Assam: सीएम हेमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप में असम का कार्यकर्ता गिरफ्तार

अलगाववादी उल्फा की ओर से जबरन वसूली और कांग्रेस ट्रेड यूनियनवादी मनबेंद्र सरमा की हत्या के लिए सरमा के खिलाफ पुलिस के मामलों को पोस्ट करते हैं, जिसमें अब मुख्यमंत्री मुख्य आरोपी थे. सरमा का कहना है कि दोनों मामलों में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था और फेसबुक पोस्ट उन्हें बदनाम करने का एक जानबूझकर प्रयास था.

असम के मंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Photo: PTI)

कोलकाता: असम (Assam) स्थित कृषक मुक्ति संग्राम समिति (KMSS) के एक सदस्य को मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा (Hemant Biswa Sarma) के खिलाफ आपत्तिजनक पोस्ट (Objectionable Post) करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. मुख्यमंत्री सरमा की छवि खराब करने के आरोप में निपोम चुटिया राज्य में गिरफ्तार होने वाले तीसरे व्यक्ति हैं. उन्हें शनिवार देर रात धेमाजी जिले के गोगामुख से उनके फेसबुक (Facebook) पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था, जिसने सरमा के अतीत के बारे में विवाद खड़ा किया था. Assam के सीएम हिमंत बिस्व सरमा बोले- अगर वैक्सीन उपलब्ध हों तो 15 अगस्त तक राज्य की 30% आबादी को वैक्सीनेट करने का लक्ष्य

अलगाववादी उल्फा की ओर से जबरन वसूली और कांग्रेस ट्रेड यूनियनवादी मनबेंद्र सरमा की हत्या के लिए सरमा के खिलाफ पुलिस के मामलों को पोस्ट करते हैं, जिसमें अब मुख्यमंत्री मुख्य आरोपी थे. सरमा का कहना है कि दोनों मामलों में अदालत ने उन्हें बरी कर दिया था और फेसबुक पोस्ट उन्हें बदनाम करने का एक जानबूझकर प्रयास था.

केएमएसएस का नेतृत्व अखिल गोगोई कर रहे हैं, जिन्होंने जेल से चुनाव लड़ने के बावजूद इस साल का विधानसभा चुनाव जीता था, जहां वह भाजपा द्वारा संचालित नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ हिंसक आंदोलन शुरू करने के आरोप में बंद है.

केएमएसएस ने अरुणाचल प्रदेश-असम क्षेत्र में बड़े बांधों के खिलाफ एक आंदोलन का नेतृत्व किया है, क्योंकि यह एक भूकंपीय केंद्र है और असम में 1897 या 1950 की तरह एक मजबूत भूकंप गोगोई को भूमि सुनामी के रूप में वर्णित कर सकता है.

अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगा असम का सबसे उत्तरी जिला धेमाजी बांध विरोधी आंदोलन का केंद्र रहा है, जिसे राज्य की भाजपा सरकार ने इस आधार पर कुचलने की कोशिश की है कि यह विकास विरोधी था.

सरमा, शुरूआत में ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के साथ, दिवंगत मुख्यमंत्री हितेश्वर सैकिया के कार्यकाल के दौरान कांग्रेस में शामिल हुए और दिवंगत मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के मंत्रिमंडल में नंबर दो बन गए. फिर 2016 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले, वह भगवा खेमे में चले गए.

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि शारदा चिटफंड घोटाले की जांच कर रही सीबीआई, जिसमें सरमा का नाम लुई बर्जर घोटाले की तरह लगा, कथित तौर पर उन पर आसान हो गया. फरवरी में दो पत्रकारों को गिरफ्तार किया गया था और तीन अन्य को हिरासत में लिया गया था, जब उन्होंने अपनी बेटी के साथ हरमा की एक तस्वीर साझा करने के बाद कामुक इरादे से बदनाम करने का प्रयास किया था.

मुख्यमंत्री की पत्नी ने दिसपुर थाने में पोक्सो एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद गुवाहाटी सिटी पुलिस ने मामले की जांच शुरू की.

गुवाहाटी शहर के पुलिस आयुक्त मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने कहा कि स्थानीय समाचार वेबसाइट प्रतिबिम्बा लाइव के प्रधान संपादक तौफीकुद्दीन अहमद और इसके समाचार संपादक इकबाल को साजिश की जांच के लिए गिरफ्तार किया गया, जबकि तीन अन्य को हिरासत में लिया गया.

उन्होंने कहा कि हिरासत में लिए गए तीन कर्मचारियों से मामले में उनकी संलिप्तता का पता लगाने के लिए पूछताछ की जा रही है. मंत्री ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह स्पष्ट तौर पर राजनीतिक साजिश का मामला है, लेकिन इतना नीचे गिरना और अपनी नाबालिग बेटी को भी नहीं बख्शा, यह बहुत कम मानसिकता को दशार्ता है.

सरमा ने कहा, "मेरे विरोधियों द्वारा सभी मोचरें पर मुझ पर हमला किया गया है, लेकिन जब वे कोई प्रभाव पैदा करने में विफल रहे, तो उन्होंने मेरे चरित्र को खराब करने के लिए एक अलग रणनीति अपनाई और मैंने हाल ही में इसे देखा है."

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था), जीपी सिंह ने कहा कि पुलिस ऐसे सभी प्रयासों के खिलाफ पॉक्सो अधिनियम के कड़े प्रावधानों के तहत कड़ी कार्रवाई करेगी.

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