
नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के माहौल में केंद्र सरकार ने एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है. रक्षा मंत्रालय ने सेना प्रमुख को टेरिटोरियल आर्मी (Territorial Army - TA) के सभी अधिकारियों और जवानों को जरूरत पड़ने पर तत्काल तैनात करने का अधिकार दे दिया है. यह फैसला देश की सैन्य तैयारी को और मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है.
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6 मई 2025 को जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के तहत, केंद्र सरकार ने टेरिटोरियल आर्मी नियम, 1948 के नियम 33 के अनुसार सेना प्रमुख को यह अधिकार दिया है कि वे जरूरत के अनुसार टेरिटोरियल आर्मी के किसी भी अधिकारी या जवान को सुरक्षा ड्यूटी या पूर्ण सैन्य तैनाती के लिए बुला सकते हैं. इस आदेश की अवधि तीन साल के लिए तय की गई है. यानी 10 फरवरी 2025 से 9 फरवरी 2028 तक.
किन परिस्थितियों में होगा इस्तेमाल?
भारत इस समय पाकिस्तान की ओर से मिसाइल और ड्रोन हमलों का लगातार सामना कर रहा है. ऐसे में सेना को चौकस और मजबूत बनाए रखने के लिए टेरिटोरियल आर्मी को सक्रिय रूप से इस्तेमाल किया जाएगा. ये जवान सुरक्षा ड्यूटी, महत्वपूर्ण ठिकानों की रक्षा और फुल टाइम सैन्य समर्थन देने के लिए बुलाए जा सकते हैं.
14 इन्फैंट्री बटालियनों को दी गई मंजूरी
देशभर में मौजूद टेरिटोरियल आर्मी की 32 बटालियनों में से 14 इन्फैंट्री बटालियनों को तुरंत तैनात करने की मंज़ूरी दी गई है. इन्हें भारतीय सेना के सभी बड़े कमांड नॉर्दर्न, वेस्टर्न, ईस्टर्न, सेंट्रल, साउथ वेस्टर्न, साउदर्न, अंडमान-निकोबार और ट्रेनिंग कमांड (ARTRAC) – में भेजा जा सकता है.
हालांकि, इस तैनाती की प्रक्रिया बजट की उपलब्धता पर निर्भर करेगी. अगर किसी अन्य मंत्रालय की ओर से टेरिटोरियल आर्मी की मांग की जाती है, तो खर्च संबंधित मंत्रालय को वहन करना होगा.
ड्रोन हमलों के बाद सुरक्षा व्यवस्था सख्त
भारत ने हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी. इसके बाद पाकिस्तान ने बदले की कार्रवाई के तहत 8-9 मई की रात 50 से ज्यादा ड्रोन भारत की ओर भेजे. जम्मू, सांबा, उधमपुर, अखनूर, नागरोटा और पठानकोट जैसे इलाकों में ये हमले किए गए. भारतीय सेना ने L-70 गन, ZU-23mm, Schilka प्लेटफॉर्म और एडवांस्ड काउंटर-ड्रोन सिस्टम की मदद से इन खतरों को समय रहते नाकाम कर दिया.
रक्षा मंत्रालय का बयान: देश पूरी तरह तैयार है
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह तैयार है. किसी भी खतरे को तुरंत और पूरी ताकत से जवाब दिया जाएगा."