आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat) ने गुरुवार को पीओके (PoK) को लेकर बड़ा बयान दिया है. आर्मी चीफ ने कहा कि पीओके पर सरकार को फैसला करना है. सेना पूरी तरह से तैयार है. जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटने के बाद बौखलाए पाकिस्तान को भारत की तरफ से स्पष्ट संदेश दे दिया गया है कि अब पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर बात होगी. इसी बीच पीओके पर आर्मी चीफ बिपिन रावत ने पहली बार प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि 'इस संबंध में सरकार को निर्णय करना है. पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह के पीओके को लेकर दिए बयान के सवाल पर बिपिन रावत ने कहा कि इस पर फैसला सरकार को लेना है. उन्होंने कहा, 'अन्य संस्थाएं तो जैसा सरकार कहेगी, वैसी तैयारियां करेंगी.' सेना की तैयारी को लेकर पूछे जाने पर बिपिन रावत ने कहा कि सेना तो हमेशा किसी भी कार्रवाई के लिए तैयार ही रहती है.
बता दें कि पीएमओ राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह (Jitendra Singh) ने बीते दिनों बयान दिया था कि अब बात पाक अधिकृत कश्मीर पर होगी. सिंह ने कहा था कि 'अनुच्छेद 370 (Article 370) को समाप्त करने के बाद हमारा अगला एजेंडा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को भारत का अभिन्न हिस्सा बनाना है.'
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सरकार ले एक्शन, आर्मी पूरी तरह से तैयार-
#WATCH Army Chief, General Bipin Rawat on Union Minister Jitendra Singh's statement, “Next agenda is retrieving PoK & making it a part of India”: Govt takes action in such matters. Institutions of the country will work as per the orders of the govt. Army is always ready. pic.twitter.com/RUS0eHhBXB
— ANI (@ANI) September 12, 2019
इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने भी संसद में कहा था कि जब हम कश्मीर की बात करते हैं तो उसमे पीओके और अक्साई चीन भी आता है. हम इसके लिए जान दे देंगे. गृह मंत्री के इस बयान के बाद से पीओके को लेकर देश में चर्चा तेज हो गई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दो टूक कहा था कि, अगर भारत की पाकिस्तान से बात होती है तो वह केवल अब पीओके पर ही होगी.
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाए जाने के फैसले पर कहा था कि कश्मीर के लोग भी हमारे देश के ही हैं. उन्होंने 30 सालों तक आतंक का सामना किया है. अब उन्हें यह मौका मिला है कि वह देख सकें कि जब शांति होती है तो वहां कैसे चीजे काम करती हैं.' कश्मीर के लोगों को शांति बहाल करने के लिए सुरक्षाबलों को कुछ मौका देना चाहिए. उन्होंने 30 साल तक आतंकवाद झेला है, अब उन्हें कुछ वक्त शांति के लिए भी देना चाहिए.' आर्मी चीफ ने यह भी कहा था कि जम्मू और कश्मीर के लोगों को समझना चाहिए को जो भी हो रहा है, वह उनकी भलाई के लिए हो रहा है.