नई दिल्ली: सरकार ने चार नए न्यायाधीशों को प्रोन्नति कर सर्वोच्च न्यायालय का न्यायाधीश बनाने को मंजूरी दे दी है. ये न्यायाधीश एक-दो दिन में शपथ ग्रहण कर सकते हैं. इन नए न्यायाधीशों के पदभार संभालने के बाद सर्वोच्च न्यायालय में 31 न्यायाधीशों की संख्या पांच साल के अंतराल बाद पूरी हो जाएगी. फिलहाल प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई को लेकर सर्वोच्च न्यायालय में 27 न्यायाधीश हैं.
जिन चार न्यायाधीशों को सर्वोच्च न्यायालय के लिए मंजूरी दी गई है, वे न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस, न्यायामूर्ति ए.एस. बोपन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं. सरकार ने पहले दो नामों -न्यायमूर्ति बोस और बोपन्ना- पर आपत्ति जताई थी. सरकार ने वरिष्ठता और क्षेत्र के प्रतिनिधित्व को प्रमुख मुद्दा बनाते हुए इस बारे में सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम को सूचित किया था. पांच सदस्यीय कॉलेजियम की अध्यक्षता प्रधान न्यायाधीश करते हैं.
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न्यायमूर्ति गवई के रूप में सर्वोच्च को दलित समुदाय से दूसरा प्रधान न्यायाधीश मिलेगा. सूत्रों ने कहा कि न्यायाधीशों की प्रोन्नति से संबंधित अधिसूचना गुरुवार को राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद जारी की जा सकती है. सर्वोच्च न्यायालय के कॉलेजियम ने केंद्र की आपत्तियों को खारिज कर दिया और न्यायमूर्ति भूषण रामकृष्ण गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत को शीर्ष अदालत के न्यायाधीश के रूप में प्रोन्नति की सिफारिश की.