अहमदनगर: ख्यात समाजसेवी और अन्ना हजारे के नाम से चर्चित किसन बाबूराव हजारे ने केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार के चार साल पूरे होने पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नहीं पूरे हुए उनके वादों की याद दिलाई. प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में हजारे ने कहा कि मार्च में नई दिल्ली के रामलीला मैदान में सप्ताह भर चली उनकी भूख हड़ताल के बाद सरकार ने भरोसा दिलाया था कि वह कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) को स्वायत्तता प्रदान करने समेत किसानों की मांग पूरी करने के लिए विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति का गठन करेगी.
उन्होंने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि दो महीने बीत जाने के बाद भी आज तक कुछ नहीं हुआ.
हजारे ने मोदी को लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्त करने के भरोसे की याद दिलाई और कहा कि चयन समिति के अध्यक्ष प्रधानमंत्री हैं लेकिन अभी तक इन पदों पर नियुक्ति लंबित है.
उन्होंने कहा कि मोदी ने हर लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्ति के जो वादे किए थे उसे दो अक्टूबर तक अवश्यक पूरा किया जाना चाहिए. ऐसा नहीं होने पर वह अपने पैतृक गांव रालेगन सिधी में उसी दिन से फिर आंदोलन करेंगे.
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र की प्रतियां महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस और केंद्रीय कृषि राज्यमंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भेजी गई हैं.