Angarki Sankashti Chaturthi 2021: सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के बाहर से भक्तों ने की पूजा, कोविड-19 के बढ़ते मामलों के चलते लगाए गए हैं प्रतिबंध

गणेश अंगारकी चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के बाहर ही पूजा की. दरअसल, कोरोनो वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. इस खास मौके पर पहले से जारी हुए क्यूआर कोड के जरिए ही दर्शन करने की अनुमति दी गई है और आज ऑफलाइन दर्शन नहीं है.

सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर श्रद्धालु (Photo Credits: ANI)

Angarki Sankashti Chaturthi 2021: आज (2 मार्च 2021) फाल्गुन मास की संकष्टी चतुर्थी (Sankashti Chaturthi) मनाई जा रही है. चतुर्थी तिथि भगवान गणेश (Lord Ganesha) को अत्यंत प्रिय है, इसलिए इस दिन उनकी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. मंगलवार को यह तिथि पड़ने के कारण इसे अंगारकी संकष्टी चतुर्थी (Angarki Sankashti Chaturthi) कहा जाता है और इसका महत्व कई गुना अधिक बढ़ जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, संकष्टी चतुर्थी का व्रत रखने से गणपति बप्पा अपने भक्तों के सभी संकटों को दूर करते हैं और उन्हें सुख-समृद्धि व समस्त मनोकामनाओं की पूर्ति का वरदान देते हैं. अंगारकी चतुर्थी का सीधा संबंध मंगल ग्रह से होता है. अंगारकी संकष्टी चतुर्थी के इस बेहद खास अवसर मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर (Siddhivinayak Temple) में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली.

गणेश अंगारकी चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर के बाहर ही पूजा की. दरअसल, कोरोनो वायरस महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट ने कुछ प्रतिबंध लगाए हैं. इस खास मौके पर पहले से जारी हुए क्यूआर कोड के जरिए ही दर्शन करने की अनुमति दी गई है और आज ऑफलाइन दर्शन नहीं है. यह भी पढ़ें: Angarki Sankashti Chaturthi 2021: अंगारकी संकष्टी चतुर्थी कल, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और इसका महत्व

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हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवताओं में प्रथम पूजनीय माना गया है और उन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है जो अपने भक्तों के सारे विघ्नों को दूर करते हैं. इसके साथ ही मान्यता यह भी है कि संकष्टी चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन करना शुभ होता है और इस दिन रात में चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही यह व्रत पूर्ण माना जाता है.

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