Uttarakhand Tragedy: संसद में गृहमंत्री अमित शाह बोले- ऋषि गंगा नदी में ग्लेशियर पर 14 वर्ग किमी जितना बड़ा हिमस्खलन होने से मची तबाही
संसद में गृह मंत्री अमित शाह (Photo Credits: ANI)

नई दिल्ली: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले में तपोवन (Tapovan) सुरंग में बचाव अभियान जारी है, यहां करीब 35 लोगों के फंसे होने की आशंका है. चमोली की डीएम स्वाति भदौरिया ने बताया कि आज 3 शव बरामद किए जा चुके हैं. इसके साथ अब तक कुल 29 शव बरामद हो चुके हैं. यहां पर ब्रिज बनाने का काम किया जा रहा है. इसके साथ ही यहां जिप लाइन भी फिक्स कर दिया गया है. अमेरिका ने उत्तराखंड में आई आपदा पर दुख व्यक्त किया, घायलों के शीघ्र स्वस्थ्य होने की कामना की

राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि टनल में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए रातभर के अथक प्रयास के बाद सेना ने टनल के मुंह पर पड़े मलबे को साफ कर लिया है, हमारे लोग काफी अंदर तक गए हैं. उन्होंने ऊपरी सदन को बताया “7 फरवरी के उपग्रह डाटा के अनुसार ऋषि गंगा नदी के जलग्रहण क्षेत्र में समुद्र तल से 5600 मीटर ऊपर ग्लेशियर के मुहाने पर हिमस्खलन हुआ जो लगभग 14 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र जितना बड़ा था. जिससे ऋषि गंगा नदी के निचले क्षेत्र में फ्लैश फ्लड की स्थिति बन गई.”

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि टनल में क़रीब 35 श्रमिक फंसे हैं, उनके लिए ड्रिल करके टनल में रस्सी लगाने की कोशिश की जा रही है. इसकी सफलता में अभी थोड़ा समय लगेगा लेकिन इसके लिए प्रयास किए जा रहे हैं. प्रधानमंत्री का सुबह फोन आया था, प्रधानमंत्री लगातार यहां का अपडेट ले रहे हैं.

केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा “उस परियोजना के 93 श्रमिक अभी लापता हैं. हमें लगता है वे बचे नहीं हैं. लोग अभी भी सुरंग में फंसे हुए हैं. हमारी परियोजनाएं जहां हैं हर जगह अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाएंगे. मारे गए श्रमिकों के परिवार को 20-20 लाख रुपये देने को कहा गया है.”

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ में हुए प्राकृतिक आपदा से धौली गंगा नदी में बाढ़ आ गयी और इसके किनारे रहने वाले लोगों का जीवन खतरे में पड़ गया. इससे सरकारी बिजली कंपनी एनटीपीसी के तपोवन में निर्माणाधीन पनबिजली परियोजना को भी नुकसान पहुंचा है.