अखिलेश ने स्वाथ्य व्यवस्था पर उठाए सवाल, योगी ने दिए जवाब, सपा ने किया वॉकआउट

उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ शुरू हुई कार्यवाही के बाद सत्तारूढ़ और विपक्ष के बीच सवाल जवाब हुए. सदन के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया.

सीएम योगी व अखिलेश यादव (Photo Credit : Twitter)

लखनऊ, 20 सितम्बर : उत्तर प्रदेश विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन हंगामे के साथ शुरू हुई कार्यवाही के बाद सत्तारूढ़ और विपक्ष के बीच सवाल जवाब हुए. सदन के नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया. हालांकि, नेता प्रतिपक्ष अखिलेश नेता सदन मुख्यमंत्री योगी के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और सदन से बहिर्गमन कर लिया.

अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कहा कि अगर सरकार के पास बजट नहीं है तो मुख्यमंत्री को स्वीकार करना चाहिए. उन्होंने कहा कि सरकार सभी स्वास्थ्य सेवाओं को प्राइवेट कर देना चाहती है जिससे इलाज आम लोगों से दूर हो जाए. उन्होंने इस दौरान सपा सरकार में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर किए गए कार्यों का ब्यौरा दिया. सदन में अखिलेश यादव ने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक को निशाने पर रखा और उनको सिर्फ छापामार मंत्री बताया. यह भी पढ़ें : दिल्ली के पुलिसकर्मियों को 180 रुपये का मासिक साइकिल भत्ता, खर्च कहीं अधिक: अदालत को बताया गया

नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार को घेरते हुए कहा कि अस्पतालों में स्टाफ नहीं है तो भर्ती करें. पीएचसी, सीएचसी, जिला अस्पताल में डॉक्टर उपलब्ध करवाएं. उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ तो मुफ्त इलाज देने का वादा करती है दूसरी तरफ सभी तरह की जांच प्राइवेट हाथों में दे रही है. एमआरआई और सिटी स्कैन हर चीज का पैसा लिया जा रहा है. अखिलेश यादव ने तंज कसते हुए कहा कि कहा जाता है कि दिल्ली वाले मदद नहीं करते हैं. दिल्ली वालों को समझाना चाहिए कि दिल्ली की सरकार यूपी से बनती है.

उन्होंने के कहा कि सरकार के पास एम्बुलेंस और स्ट्रेक्च र की व्यवस्था नहीं है. इस सरकार की हर योजना विश्वव्यापी है. लेकिन इसकी दुर्वव्यस्था कोरोनाकाल में देखने को मिली है. सरकार सरकारी संस्थाओं को बंद कर रही है. हर व्यवस्था को निजी हांथों में सौंप रही है. इसके जवाब में यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उपदेश कुशल बहुतेरे दूसरों को उपदेश देना बहुत आसान है. उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से प्रदेश में चार बार सपा की सरकार रही है. प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में पिछले पांच साल में उल्लेखनीय सुधार हुआ है. पूर्वांचल में पहले इंसेफलाइटिस से हर साल सैकड़ों मौतें होती थीं पर अब साल दर साल मौतों में कमी होते-होते इस बार एक भी मौत नहीं हुई है. यह भी पढ़ें : राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ का 13वां दिन; अब तक 225 किलोमीटर की दूरी तय की गई

उन्होंने कहा कि प्रदेश की शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की जितनी बदहाली तथाकथित समाजवादियों ने की उतनी किसी ने नहीं की. मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर जो बेहतर से बेहतर हो सकता है वो करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्घ है. योगी ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं का विकास किया जा रहा है. डबल इंजन की सरकार में अब तक कोरोना वैक्सीन की 38 करोड़ डोज दी जा चुकी हैं. लोकतंत्र में प्रतिपक्ष की भी बड़ी भूमिका है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष को ऐसे बयान नहीं देना चाहिए जो कि तथ्यगत न हो.

सपा मुखिया अखिलेश यादव के भाजपा पर हमलों के जवाब में मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि समाजवादी पार्टी और सच नदी के दो छोर हैं. सभी को पता है कि यह कभी एक नहीं हो सकते हैं. सपा को तो प्रदेश सरकार के अच्छे कार्यों को सहर्ष स्वीकार करना चाहिए. कहा कि आपको तो नेशनल हेल्थ सर्वे के आंकड़ें देखने की जरूरत है. प्रदेश में बीते पांच वर्ष में शिशु और मातृ मृत्यु दर में कमी आई है. उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लगातार बेहतर सुधार हुए हैं. नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सुनने के बाद नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि हम नेता सदन के बयान से संतुष्ट नहीं हैं इसलिए सदन से वॉक आउट कर रहे हैं.

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