एआईटीयूसी ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत को पत्र लिखकर श्रमिकों के लिए खनन, नौकरी की सुरक्षा की तत्काल बहाली की मांग की
सीएम प्रमोद सावंत

नई दिल्ली, 17 मई : ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) ने गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत (Pramod Sawant) और साथ ही विधानसभा के सदस्यों को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है, जिसमें राज्य में खनन कार्यों को वैज्ञानिक और टिकाऊ तरीके से फिर से शुरू करने की मांग की गई है. संघ ने राज्य सरकार से उन सभी खनन श्रमिकों को 15,000 रुपये प्रति माह का भुगतान करने के लिए धन आवंटित करने की भी अपील की है, जो हाल के सरकारी आदेश के मद्देनजर अपनी नौकरी खो चुके हैं.

4 मई को, गोवा सरकार ने 88 खनन पट्टाधारकों को लौह अयस्क खदानों से अपनी मशीनरी और उपकरण हटाने के लिए नोटिस जारी किया था. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 में गोवा में खनन गतिविधियों पर रोक लगाने के बाद इन कंपनियों को दिए गए पट्टों को रद्द कर दिया गया था.

अपने ज्ञापन में, एआईटीयूसी ने राज्य सरकार से बेरोजगार खनन श्रमिकों की दुर्दशा को ध्यान में रखने का आग्रह किया है. ट्रेड यूनियन के अनुसार, कई पूर्व खनन लीज-होल्डिंग कंपनियों ने श्रमिकों से कहा है कि हाल के सरकारी आदेश के कारण उनकी सेवाएं समाप्त कर दी जाएंगी. "यदि खनन श्रमिकों को बर्खास्तगी/छंटनी का सामना करना पड़ता है, तो उनकी बेरोजगारी, आजीविका और उनके परिवारों के अस्तित्व का सवाल गंभीर मामला है, जिसके बारे में राज्य सरकार को चिंतित होना चाहिए." यह भी पढ़ें : न्यायालय ने नोएडा में सुपरटेक के 40 मंजिला ट्विन टावर को ढहाने की समयसीमा बढ़ा 28 अगस्त की

पिछले विधानसभा सत्र के दौरान मुख्यमंत्री के जुलाई 2021 के बयान का हवाला देते हुए, एआईटीयूसी ने कहा कि भले ही सावंत ने घोषणा की थी कि राज्य के स्वामित्व वाले खनन निगमों द्वारा जल्द ही लौह अयस्क खनन गतिविधियां शुरू की जाएंगी, लेकिन आज तक इस मामले में कोई विकास नहीं हुआ है. नई नीलामी की स्थिति में, एआईटीयूसी ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि नए पट्टाधारक मौजूदा खनन श्रमिकों को उनके अंतिम वेतन और सेवाओं पर अपना रोजगार जारी रखने की अनुमति दें. इस मामले पर सरकार से विस्तार से चर्चा करने के लिए एआईटीयूसी ने आने वाले दिनों में मुख्यमंत्री से मिलने का समय मांगा है.