शैक्षणिक व धार्मिक संस्थानों के पास शराब के कारोबार को हतोत्साहित करने की कर रहे कोशिश: सीएम सावंत
Pramod Sawant(Photo Credit:s: FB)

पणजी, 27 जून : विपक्ष और नागरिक समाज की आलोचना का सामना करने के बाद, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के आसपास शराब के कारोबार को हतोत्साहित करने की कोशिश की है.

विपक्ष के नेता यूरी अलेमाओ, गोवा फॉरवर्ड के विधायक विजय सरदेसाई, गोवा शराब व्यापारी संघ और कई अन्य ने शराब के मुद्दे पर मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की आलोचना की थी. राज्य वित्त विभाग ने एक अधिसूचना में कहा, "गोवा आबकारी शुल्क नियम के तहत जारी लाइसेंसों और ऐसे लाइसेंसों के नवीनीकरण के लिए 100 प्रतिशत अतिरिक्त लाइसेंस शुल्क लिया जाएगा." यह भी पढ़ें : Delhi Airport: दिल्ली हवाई अड्डे के टर्मिनल 1 पर कैनोपी गिरा, कुछ यात्री घायल, सैकड़ों उड़ानें निलंबित

सीएम सावंत ने स्पष्ट किया, "हमने बार और शराब की दुकानों को बढ़ावा देने के लिए शैक्षणिक या धार्मिक संस्थानों से दूरी की सीमा को 100 मीटर से कम नहीं किया है. यह गलत धारणा है कि मैंने कानून बदल दिया है. बल्कि शुल्क बढ़ाकर शराब के कारोबार को हतोत्साहित किया है." सावंत ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल में ऐसे स्थानों पर लाइसेंस देने के लिए कानून में ढील नहीं दी है. उन्होंने कहा कि किसी को भी शैक्षणिक और धार्मिक संस्थानों के पास शराब की दुकानें नहीं खोलनी चाहिए.

अधिसूचना को लेकर सीएम सावंत पर हमला करते हुए अलेमाओ ने कहा, "मैं शिक्षण संस्थानों और धार्मिक स्थलों के करीब बार और शराब की दुकानों को अनुमति देने वाली अधिसूचना को तत्काल वापस लेने की मांग करता हूं. इन स्थानों की पवित्रता को बनाए रखना चाहिए."

सरदेसाई ने कहा, "यह हास्यास्पद है और विश्वास से परे है कि गोवा की भाजपा सरकार ऐसा करने के लिए मौजूदा कानूनों में हेरफेर करेगी. सरकार का यह निर्णय पूजा स्थलों के साथ-साथ शिक्षा के मंदिरों को भी भ्रष्ट करने के समान है. ऐसे में सरकार को अधिसूचना को तुरंत वापस लेना चाहिए."