देश के सबसे बड़े और वीआईपी अस्पताल दिल्ली AIIMS में आग लगने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है. हौज खास पुलिस स्टेशन में आईपीसी की 336, 436, 285 धाराओं में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है. पुलिस का कहना है कि दूसरों के जीवन को हानि पहुचाने वाला कार्य और आग या विस्फोटक से किसी संस्थान को नुकसान पहुंचाने वाली धाराओं में दर्ज केस के तहत जांच की जा रही है. वहीं फायर विभाग की फोरेंसिक टीम आज एम्स में लगी आग की जगह का मुआयना कर दिल्ली पुलिस को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. मामले में फायर डिपार्टमेंट ने एक चौंकाने वाला खुलासा भी किया है.
आज तक की रिपोर्ट के अनुसार फायर डिपार्टमेंट का कहना है कि एम्स के जिस इमारत में आग लगी है, उसके पास NOC (नो ऑब्जेशन सर्टिफिकेट) नहीं था. यह नियमों का पूरी तरह उल्लंघन है. एम्स के जिस टीचिंग ब्लॉक में शनिवार शाम 5 बजे को भयानक आग लगी थी. ये आग टीचिंग ब्लॉक की पहली और दूसरी मंजिल पर लगी. आग के बाद इमरजेंसी वॉर्ड में धुआ भर गया जिसके बाद यहां के मरीजों को दूसरे वॉर्ड में शिफ्ट कर दिया गया. मौके पर ग्राउंड फ्लोर पर मौजूद अन्य लोगों को धुंए से बचाने के लिए हटा लिया गया. इमरजेंसी वॉर्ड में बिजली सप्लाई को रोक दिया गया.
फायर ब्रिगेड की 39 गाड़ियों ने कड़ी मशक्कत के बाद करीब 5 घंटे के बाद आग पर काबू पाया. आग लगने के बाद टीचिंग ब्लॉक को बंद कर दिया गया है. यह बिल्डिंग काफी पुरानी है. नियमों के मुताबिक हर तीन साल में फायर NOC लेना अनिवार्य है और हर साल फायर NOC सर्टिफाइड होती है, जो एम्स ने नही कराई. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन इस पूरे मामले पर करीब से नजर बनाए हुए हैं.
बताया जा रहा है कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे भी एम्स पहुंच रहे हैं. वह एम्स में आग लगने से हुई क्षति स्थल का निरीक्षण करेंगे. कहा जा रहा है कि दूसरी मंजिल पर लगी आग पांचवीं मंजिल तक फैल गई थी. बड़े पैमाने पर मरीजों के रिकॉर्ड नष्ट हो गए हैं. पांचवीं मंजिल पर स्थित सर्जरी और यूरोलॉजी विभाग का कार्यालय, कुछ शिक्षकों के कक्ष और कार्यालय भी प्रभावित हुए हैं.