TikTok के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले इन 54 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगाएगा केंद्र सरकार
केंद्र सरकार उन 54 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है.
नई दिल्ली, 14 फरवरी : केंद्र सरकार उन 54 चीनी मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाने के लिए पूरी तरह तैयार है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं. गृह मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को इसकी जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई) ने इन अनुप्रयोगों की पहचान की है, जो टेंसेंट, अलीबाबा और नेटईज जैसी प्रमुख चीनी तकनीकी कंपनियों से संबंधित हैं और अनुप्रयोगों में शामिल हैं जैसे कि स्वीट सेल्फी एचडी, ब्यूटी कैमरा- सेल्फी कैमरा, इक्वलाइजर और बेस बूस्टर, टेंसेंट एक्सरीवर आदि.
सूत्रों ने यह भी कहा कि इनमें से कई एप्लिकेशन 2020 में भारत द्वारा पहले से प्रतिबंधित ऐप्स के रीफर्बिश्ड वर्जन हैं. ताजा कदम भारत और चीन के बीच मौजूदा गतिरोध का नतीजा हो सकता है, जो लंबे समय से चल रहे सीमा विवाद में फंसा हुआ है. 2020 के बाद से कुल 270 ऐप पर प्रतिबंध लगाने के बाद इस साल सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने वाले यह पहले ऐप्स हैं. एमईआईटीवाई ने जून 2020 में 59 चीनी ऐप्स को भारत की संप्रभुता, अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए 'पूर्वाग्रह' बताते हुए प्रतिबंधित कर दिया था. इस सूची में लोकप्रिय स्मार्टफोन ऐप टिकटॉक, हेलो, वीचैट, केवाई, क्लैश ऑफ किंग्स, अलीबाबा का यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज, लाइक, बिगो लाइव, शाइन, क्लब फैक्ट्री और कैम स्कैनर के अलावा अन्य एप्स शामिल हैं. यह भी पढ़ें : Pulwama Attack: झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने पुलवामा के शहीदों को किया याद
हाल ही में, सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 10 फरवरी को राज्यसभा को सूचित किया कि उसने पाकिस्तान समर्थित 60 यूट्यूब चैनलों को अवरुद्ध कर दिया है जो सरकार के खिलाफ फर्जी खबरें प्रसारित कर रहे थे. संचार एजेंसियों द्वारा फर्जी खबरों और प्रचार के खिलाफ की गई कार्रवाई पर सवाल का जवाब देते हुए, सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ एल मुरुगन ने उच्च सदन को सूचित किया कि सरकार ने उनके सभी सोशल मीडिया खातों जैसे ट्विटर सहित 60 यूट्यूब चैनलों को अवरुद्ध कर दिया है. उन चैनलों के फेसबुक और इंस्टाग्राम जो भारत सरकार के खिलाफ फर्जी खबरें फैलाने में शामिल थे और जिन्हें पाकिस्तान का समर्थन प्राप्त था.