तारिक़ फ़तह द्वारा शेयर की गई एक पुरानी वीडियो पर शियासत गरमाती दिख रही है जिसके वजह से सोशल मीडिया पर लोगो को दो भाग में बटते देखा जा रहा है. उस वीडियो को रिट्वीट करते हुए पूर्व भारतीय क्रिकेटर हरभजन सिंह ने कड़ा एक्शन की मांग की है. लेकिन मीडिया रिसर्च और पुलिस द्वारा वेरीफाई बताया जा रहा है कि ये वीडियो 2021 की है जो मिसलीड करती है जिसकी सच्चाई कुछ और है. यह भी पढ़ें: पाकिस्तान फिर होगा मायूस, UAE में होगा एशिया कप, भारत को धमकी भी नही आई काम
यह भ्रामक वीडियो पुरानी होने के साथ साथ किसी भी जातीय प्रतारणा से लेना देना नहीं है. सोशल मीडिया पर लोगो ने इस वीडियो को भारत को बदनाम करने के उदेश्य से फैलाये जाने का कारण बताती है उत्तरप्रदेश पुलिस ने भी इस पर ट्वीट करके बताती है की ये यह UP का नहीं मध्यप्रदेश की घटना है जो पिछले साल की वीडियो है. भारत विरोधी प्रचार प्रसारक भारत को निशाना बनाने के झूठे दावे के साथ पुराना वीडियो साझा कर रहे हैं और जाति पर अपना एजेंडा सेट कर रहे हैं.
फैक्ट चेक: इस यूजर ने एक पुराना वीडियो शेयर किया है, जिसमें कुछ लोग एक महिला को डंडों से पीटते हुए देखे जा सकते हैं. उपयोगकर्ता ने वीडियो को भ्रामक दावे के साथ साझा किया कि पीड़ित महिला दलित जाति से है और हिंदू उच्च जाति के लोगों द्वारा पीटा गया था. लेकिन तथ्य यह है कि यह 2021 का एक पुराना वीडियो है. यह घटना मध्य प्रदेश में हुई थी जहां आदिवासी महिलाओं (चचेरे भाई) को उनके परिवार के सदस्यों द्वारा सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित किया गया था क्योंकि वे स्पष्ट रूप से अपने मामा से बात कर रही थीं - परिवार को गुस्सा दिला रही थीं, कुछ भी नहीं जाति या धर्म से जोड़ना गतल है. क्योंकि आरोपी और पीड़ित दोनों एक ही जाति के हैं और यह एक व्यक्तिगत पारिवारिक झगड़ा है.