दिल्ली के बाद अब तमिलनाडु में 'शराब घोटाले' के आरोप
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

ईडी का कहना है कि तमिलनाडु में 1,000 करोड़ रुपये का 'शराब घोटाला' हुआ है. बीजेपी ने इसे लेकर प्रदर्शन का आयोजन किया था, लेकिन पुलिस ने राज्य के सभी बड़े बीजेपी नेताओं को हिरासत में ले लिया है. जानिए क्या हैं ईडी के आरोप.तमिलनाडु सरकार पर 'शराब घोटाले' के आरोपों के बीच, बीजेपी ने चेन्नई में सोमवार 17 मार्च को व्यापक विरोध प्रदर्शन की तैयारी की थी. लेकिन प्रदर्शन शुरू होने से पहले ही तमिलनाडु पुलिस ने चेन्नई में बीजेपी के लगभग सभी बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया.

पुलिस ने तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलई, पूर्व तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष तामीलीसाई सौंदराराजन, बीजेपी विधायक वनथी श्रीनिवासन और सरस्वती समेत पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया.

क्या है मामला

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) का कहना है कि उसने तमिलनाडु में शराब की बिक्री के लिए जिम्मेदार राज्य सरकार की कंपनी तमिलनाडु स्टेट मार्केटिंग कारपोरेशन (टैसमैक) में 1,000 करोड़ रुपये के घोटाले का पता लगाया है.

एजेंसी टैसमैक के खिलाफ धन शोधन के आरोपों की जांच कर रही है, जिसके तहत उसने हाल ही में टैसमैक के मुख्यालय पर छापा मारा था. एजेंसी का कहना कि छापे में उसे भ्रष्टाचार के मामलों के सबूत मिले जिनमें टैसमैक के कर्मचारी शामिल हैं.

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यह सबूत टैसमैक के कर्मचारियों द्वारा शराब बनाने वालों से ली गई रिश्वत, कर्मचारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के लिए अवैध लेन देन, गाड़ियों के टेंडरों में अनियमितताओं और बार संबंधी टेंडरों से छेड़छाड़ के हैं.

जांच में शराब बनाने वाली और शराब को बोतलों में डालने वाली कुछ कंपनियों के खिलाफ भी बेहिसाब नकदी कमाने और अवैध लेन देन के सबूत भी मिलने का दावा किया गया है. ईडी को तलाशी में कई कागजात मिले हैं जिनकी अभी जांच पड़ताल की जा रही है. इस पड़ताल के बाद जो तथ्य सामने आएंगे उनके आधार पर टैसमैक के अधिकारियों को समन जारी किए जाएंगे.

राजनीति पर असर

डीएमके ने घोटाले के आरोपों को नकारते हुए कहा है कि आरोप राजनीति से प्रेरित हैं. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक राज्य सरकार में आबकारी मंत्री सेंथिल बालाजी ने कहा है कि टैसमैक पारदर्शी रूप से काम करती है और घोटाले के आरोपों का कोई आधार नहीं है.

डीएमके ने केंद्र सरकार पर ईडी जैसी केंद्रीय एजेंसियों के गलत इस्तेमाल के आरोप भी लगाए हैं. लेकिन विपक्ष लगातार डीएमके सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा रहा है. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक बीजेपी अध्यक्ष अन्नामलई ने दावा किया है कि "टैसमैक घोटाला दिल्ली के शराब घोटाले से भी बड़ा है."

एआईएडीएमके के नेता ई पलानीस्वामी ने दावा किया है कि असली घोटाला 40,000 करोड़ रुपये का हो सकता है और इसकी उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए.

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