Adani Bribery Case: भारतीय उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली के ठेके हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. जिसको लेकर देशभर में बवाल मचा हैं. हालांकि अदाणी समूह की तरफ से इस आरोप को पहले ही खंडन किया जा चूका हैं. वहीं एक बार फिर अदाणी समूह ने अमेरिकी अधिकारियों के रिश्वतखोरी के आरोपों को गलत बताया है.
अडानी ग्रुप की कंपनी Adani Green Energy की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि रिश्वतखोरी के आरोपों से जुड़ी खबरें निराधार और गलत हैं. अमेरिकी भ्रष्टाचार प्रैक्टिस एक्ट (FCPA) के तहत आरोप लगाए जाने की खबरों में कोई सच्चाई नहीं हैं और गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी या विनीत जैन पर यूएस डीओजे (US DOJ) के अभियोग या यूएस एसईसी ( US SEC) की सिविल शिकायत में निर्धारित मामलों में एफसीपीए के किसी भी उल्लंघन का आरोप नहीं लगा है. यह भी पढ़े: Rahul Gandhi On Adani Bribery Case: अडानी को बचा रहे हैं पीएम मोदी! 2200 करोड़ के रिश्वत केस पर बोले राहुल गांधी
इससे पहले भी अदाणी समूह आरोप को बता चूका है गलता:
इससे पहले पिछले हफ्ते भी अदाणी समूह ने एक बाया जारी कर इन आरोपों को खारिज करते हुए गलत बताया था. अदाणी समूह के प्रवक्ता ने बयान में कहा, ‘‘ अमेरिकी न्याय विभाग और अमेरिकी प्रतिभूति एवं विनिमय आयोग (एसईसी) द्वारा अदाणी ग्रीन के निदेशकों के खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और हम इन्हें खारिज करते हैं. प्रवक्ता ने अमेरिकी न्याय विभाग के बयान का हवाला दिया जिसमें कहा गया था कि ‘‘ अभियोग केवल ‘‘आरोप’’ हैं और जब तक दोष साबित न हो जाए तब तक प्रतिवादियों को निर्दोष माना जाएगा,’
25 करोड़ डॉलर रिश्वत देने का लगा है आरोप:
उद्योगपति गौतम अदाणी पर अमेरिकी अभियोजकों ने भारत में सौर बिजली के ठेके हासिल करने के लिए अनुकूल शर्तों के बदले भारतीय अधिकारियों को 25 करोड़ डॉलर की रिश्वत देने का आरोप लगाया है. अमेरिकी अधिकारियों का आरोप है कि दी गई रिश्वत उन अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से छिपाई गई जिनसे अदाणी समूह ने 12 गीगावाट सौर बिजली की आपूर्ति करने वाली परियोजनाओं के लिए अरबों डॉलर जुटाए थे.