Actress Vijayashanti Left BJP: अभिनेत्री विजयाशांति ने भाजपा छोड़ी, कांग्रेस में शामिल होने की संभावना
Vijayashanti

हैदराबाद, 16 नवंबर : तेलंगाना विधानसभा चुनाव से ठीक दो हफ्ते पहले भाजपा को एक और बड़ा झटका देते हुए अनुभवी अभिनेत्री और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य एम. विजयाशांति (Vijayashanti) ने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया. एक-दो दिन में उनके कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है.विजयाशांति, जो पिछले कुछ महीनों से पार्टी गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग नहीं ले रही थीं, ने अपना इस्तीफा राज्य भाजपा प्रमुख जी. किशन रेड्डी को भेज दिया है.

पूर्व सांसद के शुक्रवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है. वह एक महीने से भी कम समय में भाजपा छोड़ने वाली चौथी प्रमुख नेता हैं. पूर्व सांसद कोमाटिरेड्डी राजगोपाल रेड्डी और जी.विवेकानंद और एक अन्य नेता एनुगु रविंदर ने हाल ही में भाजपा छोड़ दी है. राजगोपाल रेड्डी और विवेकानंंद कांग्रेस में शामिल हो गए हैं. दिसंबर 2020 में विजयाशांति की 15 साल बाद भाजपा में वापसी हुई थी. तेलुगू फिल्मों में अपनी एक्शन भूमिकाओं के लिए 'लेडी अमिताभ' के नाम से लोकप्रिय विजयाशांति 1997 में भाजपा में शामिल हुईं और पार्टी की महिला शाखा की महासचिव के रूप में काम किया. यह भी पढ़ें : J&K Blast: जम्मू-कश्मीर के पुंछ में मंदिर के पास रहस्यमयी धमाका

उन्होंने तेलंगाना को अलग राज्य का दर्जा दिलाने के लिए लड़ने के लिए 2005 में भाजपा छोड़ दी और एक अलग संगठन तल्ली तेलंगाना बनाया. बाद में उन्होंने तल्ली तेलंगाना का टीआरएस (अब बीआरएस) में विलय कर दिया और 2009 में मेडक निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुनी गईं. अगस्त 2013 में तेलंगाना राज्य के गठन से कुछ महीने पहले टीआरएस ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए विजयाशांति को निलंबित कर दिया था. बाद में वह कांग्रेस में शामिल हो गईं और 2014 के चुनावों में मेडक विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ीं, लेकिन असफल रहीं.

चार साल तक शांत रहने के बाद विजायशांति 2017 में फिर से कांग्रेस में सक्रिय हो गईं और उन्हें 2018 के विधानसभा चुनावों में पार्टी के लिए स्टार प्रचारक नामित किया गया. पार्टी की हार के बाद वह पार्टी में सक्रिय नहीं थीं और 2020 में भाजपा में लौट आईं. विजयाशांति, जिनका फिल्मी करियर लगभग चार दशकों का है, ने तेलुगू, तमिल, मलयालम, कन्नड़ और हिंदी में 180 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया है. 1999 में राजनीति पर ध्यान केंद्रित करने के बाद से उनकी फिल्मों में उपस्थिति दुर्लभ हो गई थी. 13 साल के विश्राम के बाद वह 2020 में "सरिलेरु नीकेवरु" के साथ सिल्वर स्क्रीन पर लौटीं, जिसमें लोकप्रिय अभिनेता महेश बाबू मुख्य भूमिका में हैं.