Acharya Chanakya Neeti: आचार्य चाणक्य अपनी प्रबल कूटनीति के कारण आज भी सुर्खियों में रहते हैं. इतिहास साक्षी है कि चंद्रगुप्त मौर्य को सम्राट बनाने में आचार्य चाणक्य की अहम भूमिका रही है. चाणक्य का सबसे बड़ा गुण था उनकी दूरदर्शिता. इसलिए सैकड़ों साल पूर्व उनकी लिखी नीतियां आज भी उतनी ही खरी उतरती है. माना जाता है कि जो भी उनकी नीतियों को अपनाता है, उसके जीवन में कोई समस्या नहीं आती, और गाहे-बगाहे हालात प्रतिकूल हो भी जायें, तो वह अकेले उसका समाधान निकालने में सक्षम होता है.
आचार्य चाणक्य ने महिलाओं पर भी काफी कुछ लिखा है. य़हां हम उन महिलाओं की बात करेंगे, जो अपने कुछ गुणों के कारण अपने पति के लिए काफी भाग्यशाली साबित होती हैं. पत्नी के इन अद्भुत गुणों सकारात्मक असर उसके बच्चे और परिवार पर भी सकारात्मक असर पड़ता है. यहां आचार्य चाणक्य उल्लेखित स्त्री के 5 गुणों की चर्चा कर रहे हैं. Holi 2023: कब है होली? जानें इतिहास के पन्नों में दर्ज मुगल बादशाहों की होली के रोचक संस्मरण
धैर्यवान स्त्री!
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन स्त्रियों में धैर्य अथवा धीरज का गुण होता है, वे किसी भी परिस्थिति में अपने पति, मित्र अथवा परिजन का साथ नहीं छोड़ती हैं. धैर्यवान स्त्री बड़ी आसानी से किसी भी समस्या का समाधान निकालने में समर्थ होती हैं. इस तरह की स्त्रियां विशेष रूप से पति के लिए बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं. इस स्वभाव वाली स्त्रियां स्त्री अपने इस गुण के कारण हर कष्ट और मुसीबत को बर्दाश्त करने की क्षमता रखती हैं. धैर्यवान स्त्री अपने पति का साथ नहीं छोड़ती.
धार्मिक प्रवृत्ति वाली स्त्री!
चाणक्य की नीति के अनुसार धार्मिक प्रकृति की स्त्री अपने पति के लिए बहुत भाग्यशाली मानी जाती हैं, क्योंकि धार्मिक व्यक्ति कभी गलत रास्ते पर नहीं चलता, ना ही असत्य का सहारा लेता है. चूंकि धार्मिक महिला ईश्वर पर अगाध आस्था एवं विश्वास रखती हैं, इसलिए जीवन में कभी दुखी नहीं होतीं, ना ही किसी को दुख पहुंचाती हैं. इस गुण से सम्पन्न स्त्री पति के लिए ही नहीं अपने माता-पिता और संतान के लिए भी भाग्यशाली होती हैं.
शांत स्वभाव की स्त्री!
चाणक्य नीति यह भी बताता है कि शांत स्वभाव की स्त्री अपने पति के लिए अत्यंत भाग्यशाली या विलक्षण साबित होती हैं. इस स्वभाव की स्त्री बिना क्रोध किये अथवा आवेश में आये बड़े विनम्र तरीके से अपनी बात समझाने में समर्थ होती हैं, साथ ही सामने वाले की बात को सुनने और समझने की कोशिश भी करती हैं. इनके व्यवहार से दाम्पत्य जीवन भी शांतपूर्ण एवं खुशहाल रखती हैं.
मधुर वाणी वाली स्त्री!
यूं तो औरतों की वाणी के संदर्भ में कहा जाता है कि ये बोलना शुरू करती हैं तो आसानी से चुप नहीं होतीं. इसीलिए चाणक्य लिखते हैं कि मधुर वाणी वाली महिला बड़े सौभाग्य से मिलती हैं, और अपनी मधुर वाणी से किसी का भी दिल जीतने में सक्षम होती हैं. अपनी मीठी भाषा से वह सामने वाले को जल्दी प्रभावित कर लेती है. जिस पति को ऐसी विलक्षण स्वभाव वाली पत्नी मिलती है, उसका घर स्वर्ग से भी सुंदर बन जाता है.
सीमित इच्छा वाली स्त्री !
आचार्य चाणक्य की नीति के अनुसार जिस महिला की इच्छा सीमित होती है, वह पति के लिए कभी किसी तरह की समस्याएं नहीं खड़ी करतीं. क्योंकि आचार्य चाणक्य को लगता है कि पत्नी की इच्छा पूरी करने के लिए ही अधिकांश पति गलत कार्य करके पत्नी को खुश रखते हैं. अगर पत्नी सीमित इच्छाओं वाली यानी संतोषी प्रवृत्ति की हो तो उसका पति हमेशा खुशहाल रहता है. इसलिए ऐसी पत्नी को पति के लिए भाग्यशाली माना जाता है.