नई दिल्ली: एबीजी शिपयार्ड घोटाले (ABG Shipyard Scam) पर कांग्रेस (Congress) के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा (BJP) ने कहा है कि सीबीआई (CBI) की फैक्टशीट से यह स्पष्ट हो गया है कि मनमोहन सरकार (Modi Sarkar) के समय यह घोटाला (Scam) हुआ था और मोदी सरकार (Modi Government) के कार्यकाल में इस पर कार्रवाई की गई है. भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी (Sudhanshu Trivedi) ने पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस ने बिना तथ्यों के आधारहीन और अनर्गल आरोप लगाने का प्रयास किया था. लेकिन सीबीआई के तथ्यों से यह साबित हो गया है कि कांग्रेस द्वारा किए गए घोटालों की लिस्ट में एक और घोटाला शामिल हो गया. ABG Shipyard Bank Fraud: कब हुआ एबीजी शिपयार्ड से जुड़ा 22,842 करोड़ का फ्रॉड? किस बैंक को लगा कितना चूना और कौन है आरोपी?
त्रिवेदी ने एबीजी शिपयार्ड कंपनी के मालिकों का घनिष्ठ संबंध कांग्रेस अध्यक्षा के पूर्व राजनीतिक सलाहकार से होने का आरोप लगाते हुए कहा कि अब कांग्रेस को ये बताना चाहिए कि इस सबसे बड़े घोटाले में उनकी संलिप्तता क्या थी?
भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि एबीजी शिपयार्ड 30 नवंबर 2013 को एनपीए हुई थी, उस समय देश में कांग्रेस नीत और सोनिया गांधी के प्रभाव वाली मनमोहन सिंह की सरकार थी. उन्होंने आरोप लगाया कि सबसे ज्यादा हेराफेरी 2005-2012 के बीच हुई. 2011 में यूपीए सरकार द्वारा इस कंपनी को नौसेना का एक बड़ा करार दिया गया था, जिसे मोदी सरकार ने आकर रद्द किया था.
त्रिवेदी ने कहा कि जिस 22,000 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कांग्रेस प्रवक्ता ने कही थी, वो 2012 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में शुरू हुआ. 2014 में सत्ता से विदाई की बेला में मार्च 2014 में यूपीए सरकार के कार्यकाल में ही एबीजी शिपयार्ड के लोन का पुनर्निधारण किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि जून 2011 में 970 करोड़ रुपये, जनवरी 2012 में 500 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया गया और मार्च 2014 में रिस्ट्रक्चरिंग कर दी गई.
उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा सरकार आने के बाद 2016 में ऑडिट रिपोर्ट आई और उसके बाद कार्रवाई करते हुए भाजपा सरकार ने उन्हें फ्रॉड घोषित किया. उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि बिना तथ्यों के आरोप लगाने वाले कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जिस तरह के अनाप-शनाप शब्दों का प्रयोग किया था, क्या वो सारे शब्द अब उन्ही पर लागू नहीं होते हैं.