UP BLO Suicide Case: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण यानी एसआईआर के काम में लगे कर्मचारियों पर बढ़ते दबाव का एक और दर्दनाक मामला सामने आया है. बांदा जिले में एक बीएलओ के सहायक ने तनाव के चलते आत्महत्या कर ली. मृतक प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा मित्र के रूप में तैनात था. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कुएं से बाहर निकलवाया.
शंकर लाल ने क्यों उठाया यह कदम
बांदा के श्रीनगर थाना क्षेत्र के पवा गांव में रहने वाले शंकर लाल राजपूत पिछले कुछ दिनों से एसआईआर के काम में लगे हुए थे. वह एक बीएलओ की सहायता कर रहे थे और दिन रात मतदाता सूची के काम में व्यस्त रहते थे. परिजनों के अनुसार लगातार बढ़ते दबाव और समय पर काम पूरा करने की टेंशन से वह मानसिक रूप से बेहद परेशान थे.
बुधवार को अचानक उन्होंने गांव के पास बने एक कुएं में छलांग लगा दी. आसपास के लोगों ने घटना की सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद फोर्स मौके पर पहुंची और रेस्क्यू करके शव बाहर निकाला गया. परिवार के लोगों का कहना है कि शंकर लाल कई दिनों से काम को लेकर तनाव में थे और इसी वजह से उन्होंने यह चरम कदम उठा लिया.
SIR के दौरान मौतों का सिलसिला जारी
चौंकाने वाली बात यह है कि यह कोई पहला मामला नहीं है. एसआईआर की शुरुआत से अब तक प्रदेश में यह 10वीं मौत है, जिनमें चार कर्मचारी आत्महत्या कर चुके हैं.
सबसे पहले फतेहपुर जिले में एक लेखपाल ने शादी से एक दिन पहले जान दे दी थी. परिवार ने आरोप लगाया था कि शादी के बावजूद उससे एसआईआर का दबाव बनाया जा रहा था. उसके बाद गोंडा में एक शिक्षक ने जहरीला पदार्थ खाकर जान गंवाई. लखनऊ में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी. मुरादाबाद में भी एक बीएलओ ने काम के बोझ से तंग आकर खुदकुशी कर ली थी.
सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर रही SIR
वहीं मेरठ में मंगलवार को एक बीएलओ ने आत्महत्या की कोशिश की थी. फिलहाल अस्पताल में भर्ती है. लगातार हो रही ये घटनाएं एसआईआर के सिस्टम पर बड़े सवाल खड़े कर रही हैं.













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