Operation Sindoor: भारतीय सेना ने पाकिस्तान और PoK में इन 9 आतंकी ठिकानों को किया तबाह, चुन-चुन कर दागे खतरनाक मिसाइल
(Photo Credits ANI)

Operation Sindoor Air Strike in Pakistan: भारत ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब देश की सुरक्षा की बात आती है, तो उसकी सेनाएं दुश्मन को घर में घुसकर मारने का माद्दा रखती हैं. बुधवार रात डेढ़ बजे शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ ने आतंक के खिलाफ भारत की निर्णायक और साहसी सोच को दुनिया के सामने रख दिया. तीनों सेनाओं—थल, वायु और नौसेना—के संयुक्त प्रयास से अंजाम दिए गए इस मिशन में भारत ने पाकिस्तान और पीओके में मौजूद 9 आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाकर उन्हें तबाह कर दिया.

यह कार्रवाई सिर्फ एक सैन्य हमला नहीं थी, यह एक सशक्त संदेश था—भारत अब सहन नहीं करेगा, भारत अब जवाब देगा.

इन आतंकी ठिकानों को किया तबाह

  1. बहावलपुर (100 किमी दूर) – जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय, अब खंडहर बन चुका है.
  2. मुरीदके (30 किमी दूर) – लश्कर-ए-तैयबा का वो अड्डा, जहां से 26/11 जैसे हमलों की साजिशें रची गई थीं.
  3. गुलपुर (35 किमी LoC से) – पुंछ-राजौरी सेक्टर के करीब मौजूद आतंकी शिविर.
  4. लश्कर कैंप सवाई (30 किमी अंदर) – पीओजेके तंगधार सेक्टर में गहरे छिपा आतंकी अड्डा.
  5. बिलाल कैंप – जैश का लॉन्चपैड, जो घुसपैठियों को भारत भेजने का रास्ता था.
  6. कोटली (15 किमी दूर) – लश्कर का बड़ा शिविर, जिसमें 50 से ज्यादा आतंकी ठहरे थे.
  7. बरनाला कैंप (10 किमी दूर) – सीमा से बेहद नजदीक का खतरनाक आतंकी केंद्र.
  8. सरजाल कैंप (8 किमी दूर) – सांबा-कठुआ के सामने जैश का प्रशिक्षण केंद्र.
  9. मेहमूना कैंप (15 किमी दूर) – सियालकोट के पास हिज्बुल मुजाहिदीन का प्रशिक्षण शिविर.

संयम और संकल्प का परिचय

रक्षा मंत्रालय ने साफ किया कि यह कार्रवाई अभूतपूर्व संयम और रणनीति के साथ की गई. भारत ने केवल आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया, पाकिस्तानी सेना को छेड़ा तक नहीं. ये हमला उकसावे का नहीं, बल्कि आत्मरक्षा और आतंकवाद के खात्मे का स्पष्ट संकेत है.

पाकिस्तान का कबूलनामा

पाकिस्तानी सेना ने भी इस हमले को स्वीकारते हुए बताया कि 6 स्थानों पर 24 हमले हुए, जिनमें 8 की मौत और 33 लोग घायल हुए हैं. यह भारत की सैन्य क्षमता और लक्ष्यभेदी कार्रवाई का प्रमाण है.

हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि हर भारतीय के लिए गर्व, शक्ति और सुरक्षा का प्रतीक है. यह मिशन दर्शाता है कि भारत अब आतंक के खिलाफ नरमी नहीं, निर्णायक कार्रवाई की राह पर है. यह वह क्षण है जब हर भारतवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है और आंखों में अपने सैनिकों के लिए सम्मान और आभार की चमक होती है.

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