असम: जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या 80 हुई, 300 से अधिक लोगों का इलाज अभी भी जारी
असम में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है जबकि 310 से अधिक अन्य लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है
गुवाहाट: असम में जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है जबकि 310 से अधिक अन्य लोगों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है.स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय ने कहा कि अभी तक जोरहाट में 45 लोगों की मौत हो गई है. वहां पर जहरीली शराब पीने के बाद बीमार हुए 221 लोगों को भर्ती कराया गया है. कार्यालय ने कहा कि 35 और लोगों ने गोलाघाट सिविल अस्पताल में दम तोड़ दिया जहां 93 भर्ती हैं. यह घटना में चाय बागान वाले दो जिलों गोलाघाट और जोरहाट में हुई जब चाय बागानों के बड़ी संख्या में श्रमिकों ने बृहस्पतिवार रात को जहरीली शराब पी ली.
असम के स्वास्थ्य मंत्री हेमंत विश्व शर्मा शनिवार को दोनों अस्पतालों में मरीजों से मिलने गए. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज सुबह गोलाघाट और जोरहाट जिलों में (जहरीली शराब घटना में) मृतक संख्या 59 थी और 200 लोग अस्पतालों में भर्ती थे। मृतक संख्या और भर्ती हुए लोगों की संख्या हर पल बदल रही है’’उन्होंने कहा,‘‘जोरहाट मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जहरीली शराब घटना में भर्ती लोगों में 36 महिलाएं हैं। जब मैं यहां था तो और लोगों को भर्ती कराया गया.’’उन्होंने कहा कि डिब्रूगढ़ जिले के असम मेडिकल कॉलेज अस्पताल, गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज अस्पताल और तेजपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल, सोनितपुर जिले से चिकित्सकों को जोरहाट और गोलाघाट अस्पताल भेजा गया ताकि बड़ी संख्या में प्रभावित लोगों को चिकित्सकीय देखभाल मुहैया करायी जा सके.
मंत्री ने कहा कि चिकित्सा शिक्षा निदेशक अनूप बर्मन के अलावा असम के स्वास्थ्य निदेशक और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक जोरहाट में हैं ताकि मरीजों को मुहैया करायी जा रही सेवाओं की निगरानी की जा सके. शर्मा ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि बीमार लोगों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सा इलाज मुहैया करा पाएंगे. दोनों अस्पतालों के चिकित्सक, नर्स और कर्मचारी मरीजों को सर्वश्रेष्ठ चिकित्सकीय देखभाल मुहैया करा रहे हैं...फिलहाल प्रमुख ध्यान इस बात पर है कि प्रभावितों को किस तरह से सर्वश्रेष्ठ इलाज मुहैया कराया जाए.’’
जोरहाट में जहरीली शराब के चलते स्थिति को देखते हुए अस्पताल प्राधिकारियों को अन्य शिकायतों के साथ भर्ती होने वाले व्यक्तियों की संख्या सीमित करने को कहा है ताकि जहरीली शराब पीने के बाद बीमार हुए अधिकतम लोगों को वहां समायोजित कराया जा सके.अस्पताल प्राधिकारियों को जहरीली शराब पीड़ितों के साथ देखभाल के लिए आये लोगों को भोजन एवं अन्य सुविधाएं मुहैया कराने को कहा गया है.1rem;">यह पूछे जाने पर कि क्या जहरीली शराब बेची जा रही है क्योंकि ताजा मामले सामने आ रहे हैं, शर्मा ने कहा, ‘‘जिन मरीजों में दो तीन दिन पहले दिक्कत हुई थी वे अब आ रहे हैं.
कुछ ऐसे लोगों जिन्होंने पहले शराब पी थी वे जहरीली शराब घटना की खबर सुनकर भय के चलते इलाज के लिए आ रहे हैं.ये लोग मनोवैज्ञानिक तौर पर सदमे में हैं और इसलिए उन्हें लग रहा है कि वे बीमार हैं.’’उन्होंने बताया कि असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को घटना की अपर असम डिवीजन कमिश्नर से जांच का आदेश दिया। उन्हें एक महीने रिपोर्ट देने को कहा गया है. इस सवाल पर कि घटना कैसे हुई, शर्मा ने कहा कि जांच पूरी होने पर यह सामने आएगा. राज्य के आबकारी मंत्री परिमल सुकलबैद्य ने विभाग के अधिकारियों की एक टीम को घटना की जांच करने का निर्देश दिया.