Fake South Korean Visa Racket: फर्जी वीजा बनाकर 8 से 10 लोगों को भेजा साउथ कोरिया, नौसेना अधिकारी हुआ गिरफ्तार

एक बड़ी कार्रवाई मुंबई क्राइम ब्रांच ने की है. जिसमें फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिये फर्जी वीजा बनाकर लोगों को साउथ कोरिया भेजने का आरोप है. आरोपी लेफ्टनंट कमांडर विपिन कुमार डागर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है.

Credit -(Photo : X)

Fake South Korean Visa Racket: एक बड़ी कार्रवाई मुंबई क्राइम ब्रांच (Mumbai Crime Branch) ने की है. जिसमें फर्जी डॉक्यूमेंट के जरिये फर्जी वीजा बनाकर लोगों को साउथ कोरिया भेजने का आरोप है. आरोपी लेफ्टनंट कमांडर विपिन कुमार डागर को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है की डागर अपने पद का दुरूपयोग कर रहा था.

डागर और उसके साथियों ने अब तक 8 से 10 लोगों को साउथ कोरिया भेजा है. इसके एवज में उसने 10 लाख रुपए प्रति व्यक्ति वसूल किए है. मुंबई पुलिस ने आरोपी लेफ्टनंट कमांडर विपिन कुमार डागर को कोलाबा में क्राइम ब्रांच की टीम ने अरेस्ट किया है. ये भी पढ़े :Maharashtra: कमरे की दीवार एवं छत के ढह जाने से एक व्यक्ति की मौत

पीटीआई के रिपोर्ट के अनुसार आरोपी फेक डॉक्यूमेंट का इस्तेमाल कर साउथ कोरिया में लोगों को भेजने के रैकेट में शामिल है. डागर नेटवर्क को मदद करने के लिए पद का दुरूपयोग करता था. डागर के साथियों ने 8 से 10 लोगों को साउथ कोरिया भेजने की बात कबुली है और प्रतिव्यक्ति 10 लाख रुपए देने की बात भी कबुली है. डागर ये हरियाणा का रहनेवाला है और एक वह एक वायु सेना अधिकारी का बेटा है. आरोपी को शुक्रवार को कोर्ट में हाजिर किया गया. आरोपी को 5 जुलाई तक जेल में भेजा गया है.

मिली जानकारी के मुताबिक़ फर्जी डॉक्यूमेंट बनाकर लोगों को विदेश भेजने के रैकेट की बॉम्बे क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि इस रैकेट में एक नेवी अफसर शामिल है. वीजा जल्दी बनाने के लिए संबंधित अधिकारी उसके ड्रेस में ही साउथ कोरिया के एम्बेसी में जा सकता है, ऐसी जानकारी भी पुलिस को मिली थी. इस रैकेट में शामिल लोगों ने साउथ कोरिया में जॉब की गारंटी दी थी और वीजा के लिए फेक डॉक्यूमेंट भी बनाएं. साउथ कोरिया में पहुंचकर ये लोग वीजा फाड़कर फेक देते थे और फिर वहां की सिटीजनशिप मांगते थे.

हर एक व्यक्ति से 10 लाख रुपए की वसूली

इस रैकेट से संबंधित अधिकारियों से जब मुंबई क्राइम ब्रांच ने पूछताछ की तो उन्होंने क्राइम ब्रांच में कबुली दी. इस अधिकारी ने 8 से 10 लोगों को साउथ कोरिया वीजा देने की बात कबुली है. हरएक व्यक्ति से 10 लाख रुपए वसूलने की बात भी कबुली है. बताया जा रहा है की डागर लगभग 6 साल पहले भारतीय नौसेना में शामिल हुआ था और पिछले एक साल से पश्चिमी नौसेना कमान के साथ था. विभिन्न रिपोर्ट्स के मुताबिक, डागर ने INS केरल से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बीई की डिग्री ली है.

 

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