नई दिल्ली, 8 फरवरी : राष्ट्रपति ने भारतीय रेलवे सुरक्षा बल के सात जांबाज कर्मियों को साल 2021 श्रृंखला के जीवन रक्षा पदकों से सम्मानित करने को मंजूरी दी है. रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) 'मिशन जीवन रक्षा' के अंतर्गत एक मिशन की तरह लोगों के जीवन की रक्षा करता आया है. इस मिशन के अंतर्गत पिछले 4 वर्षों में आरपीएफ के जांबाजों ने रेलवे स्टेशनों पर 1650 लोगों के जीवन को चलती रेलगाड़ियों के पहियों से रौंदे जाने से बचाया है. वर्ष 2021 के दौरान आरपीएफ कर्मियों ने ऐन उस मौके पर 601 लोगों की जिंदगी बचाई, जब वे चलती रेलगाड़ी के पहियों के नीचे आने ही वाले थे. आरपीएफ कर्मियों की बहादुरी के इन कार्यों के लिए वर्ष 2018 से हर साल राष्ट्रपति उन्हें जीवन रक्षा पदक से सम्मानित करते आ रहे हैं. साल 2018, 2019 और 2020 में भी आरपीएफ के ज्ञान चंद (मरणोपरांत), अनिल कुमार, दिनकर तिवारी को इन पदकों से सम्मानित किया जा चुका है.
सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक(एसजेआरपी) : सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक नागरिकों के अलावा सशस्त्र बलों, पुलिस अथवा अग्निशमन सेवा के ऐसे जांबाजों की वीरता को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है, जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को संकट में डालकर अन्य लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों की रक्षा करते हैं. इस सम्मान के अंतर्गत पदक, प्रमाण पत्र और 2 लाख रुपये का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. वर्ष 2021 में आरपीएफ के निम्नलिखित कर्मियों को सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है.
ज्ञान चंद (मरणोपरांत) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र: स्वर्गीय ज्ञान चंद, हेड कांस्टेबल आरपीएफ, उत्तर मध्य रेलवे, 2 मई 2021 को भरवारी स्टेशन पर रात लगभग 11:41 बजे रोजनामचा राइटर के रूप में अपने दायित्व का निर्वहन कर रहे थे. तभी उन्होंने एक महिला को आत्महत्या करने के इरादे से सामने से आती प्रयागराज-जाजपुर एक्सप्रेस की ओर मुंह करके पटरी पर खड़े देखा. ज्ञान चंद ने उस महिला को चौकन्ना किया, लेकिन वह पटरी से नहीं हटी. यह देख कर ज्ञान चंद ने उस महिला की ओर छलांग लगाई और पलक झपकते ही उस महिला को उसकी सुरक्षा के लिए परे धकेल दिया. लेकिन वह खुद को नहीं बचा सके और सामने से आती ट्रेन से टकरा गए और कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.
अनिल कुमार सीआर: 3 दिसंबर 2019 को रात लगभग 10:29 बजे अनिल कुमार, कांस्टेबल, रेलवे सुरक्षा बल, मुंबई मंडल व मध्य रेलवे ठाणे स्टेशन पर यात्रियों के सामान जो चोरी होने से बचाने और उसका पता लगाने के लिए तैनात थे, तभी उनकी नजर एक व्यक्ति पर पड़ी, जो पटरी से प्लेटफार्म नंबर-7 पर चढ़ने की कोशिश कर रहा था, जबकि सामने से आती ट्रेन नंबर 18029 उसके बहुत करीब पहुंच चुकी थी. अनिल कुमार उस समय प्लेटफॉर्म नंबर-6 पर थे. उस व्यक्ति के जीवन को खतरे में देख उन्होंने अपने जीवन की परवाह न करते हुए पटरी पर छलांग लगा दी और क्षण भर ही उस व्यक्ति को खतरे से बाहर निकाल दिया. सही समय पर और साहसपूर्ण कार्रवाई के कारण वह एक व्यक्ति के मूल्यवान जीवन को बचाने में सक्षम हो सके.
उत्तम जीवन रक्षा पदक (यूजेआरपी) : नागरिकों के अलावा सशस्त्र बलों, पुलिस अथवा अग्निशमन सेवा के ऐसे जांबाजों की वीरता को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है, जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को संकट में डालकर अन्य लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों की रक्षा करते हैं. इस सम्मान के अंतर्गत पदक, प्रमाण पत्र और 1.5 लाख रुपये (डेढ़ लाख रुपये) का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. साल 2021 में आरपीएफ के जिन कर्मियों को उत्तम जीवन रक्षा पदक से सम्मानित किया गया है. उनमें दिनकर तिवारी, त्रिदीप पॉल, ईआर, राजबीर सिंह, एनआर, संजीत कुमार राम, एसईआर को प्रदान किया गया.दिनकर तिवारी, ईआर: कोलकाता के 14 स्ट्रैंड रोड स्थित न्यू कोइलाघाट बिल्डिंग की 13वीं मंजिल में 08.03.2021 को भीषण आग भड़क उठी, जिसमें कई लोग आग और धुएं के कारण फंस गए. यह देख कांस्टेबल दिनकर तिवारी ने अपनी जान और सुरक्षा की परवाह न करते हुए अदम्य साहस का परिचय देते हुए न केवल आग बुझाने में मदद की बल्कि इमारत में फंसे तीन लोगों की भी रक्षा की. उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया है. यह भी पढ़ें : Shocking: परिजनों की मौत पर महिलाएं काट लेती हैं अपनी उंगलियां! इस जनजाति की है अजीब मान्यता
राजबीर सिंह, एनआर: 23.07.2021 को रात 10:42 बजे, एक यात्री चलती ट्रेन नंबर 04379 में चढ़ने की कोशिश कर रहा था कि तभी वह फिसल गया और उसका पैर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस गया. उस समय ड्यूटी पर तैनात आरपीएफ कांस्टेबल श्री राजबीर सिंह फौरन इस यात्री की ओर दौड़े और उसे चलती ट्रेन से सुरक्षित बाहर खींच लिया और इस दौरान वह भी घायल हो गए. इस विकट परिस्थिति से जूझते हुए खुद को शांत रखते हुए कांस्टेबल राजबीर सिंह अपने जीवन को संकट में डालकर एक अनमोल जीवन बचाने में सफल रहे. उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए महामहिम राट्रपति द्वारा उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया है. संजीत कुमार राम, एसईआर : बिष्णुपुर रेलवे स्टेशन पर 20.07.2021 को एक व्यक्ति ने आत्महत्या करने के इरादे से सामने से आ रही ट्रेन के आगे पटरी पर छलांग लगा दी. ट्रेन जब 100 मीटर की दूरी पर थी तो एचसी/संजीत कुमार राम की नजर उस व्यक्ति पर पड़ी. वह तुरंत मौके की ओर लपके और अपनी जान की परवाह किए बिना उसे पटरी से परे धकेल दिया. इस तरह उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की जान बचा ली, जो आत्महत्या करने जा रहा था.
उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया है. जीवन रक्षा पदक (जेआरपी) : नागरिकों के अलावा सशस्त्र बलों, पुलिस अथवा अग्निशमन सेवा के ऐसे जांबाजों की वीरता को सम्मानित करने के लिए प्रदान किया जाता है, जो अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अपने जीवन को संकट में डालकर अन्य लोगों की बहुमूल्य जिंदगियों की रक्षा करते हैं. इस सम्मान के अंतर्गत पदक, प्रमाण पत्र और 1 लाख रुपये (एक लाख रुपये) का नकद पुरस्कार प्रदान किया जाता है. बोंगू नरसिम्हा राव, एसईआर : बांकुरा रेलवे स्टेशन पर 12.02.2021 को एक व्यक्ति ने सामने से आ रही ट्रेन नंबर- 08027 (एएसएन - केजीपी पैसेंजर) के सामने आत्महत्या करने के इरादे से पटरी पर छलांग लगा दी. बोंगू नरसिम्हा राव ने उस व्यक्ति को देखा और वह तुरंत मौके की ओर लपके और अपनी जान की परवाह किए बिना उसे पटरी से परे धकेल दिया. इस तरह उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति की जान बचा ली, जो आत्महत्या करने जा रहा था.
उनकी इस बहादुरी की सराहना करते हुए महामहिम राष्ट्रपति द्वारा उन्हें जीवन रक्षा पदक प्रदान किया गया है. भारतीय रेलवे के लिए यह अत्यंत गौरव और सम्मान का क्षण है कि सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक श्रृंखला में ज्ञान चंद (मरणोपरांत) और अनिल कुमार को उनकी विशिष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया है. उत्तम जीवन रक्षा पदक श्रृंखला के तहत चार कर्मियों, दिनकर तिवारी, त्रिदीप पॉल, राजबीर सिंह और संजीत कुमार राम को सम्मानित किया गया है. जीवन रक्षा पदक श्रृंखला के लिए, बोंगू नरसिम्हा राव का नाम इस सम्मान के लिए चुना गया. प्रत्येक जांबाज ने अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया. इन बहादुरों ने हमारे देश और इसके नागरिकों के प्रति आरपीएफ के समर्पण और निस्वार्थ सेवा की गौरवशाली परंपरा को आगे बढ़ाया है. यह राष्ट्रव्यापी सम्मान उनके परिवारों और उनकी यूनिट्स को गौरवान्वित करेगा तथा आरपीएफ को समर्पण और मानवीय सेवा के अग्रदूत के रूप में प्रदर्शित करेगा. राष्ट्र की सेवा के लिए प्रदान किया गया यह सम्मान आरपीएफ के कर्मियों को ऐसे साहसी कार्यों का अनुकरण करने तथा भविष्य में और अधिक पुरस्कार प्राप्त करने की याद दिलाएगा.