तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले में एक शर्मनाक घटना सामने आई है, जहां एक एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) अधिकारी द्वारा एक 13 वर्षीय छात्रा के साथ कथित रूप से बलात्कार करने के मामले को दबाने की कोशिश की गई. इस मामले में बर्गुर पुलिस ने स्कूल के प्राचार्य, स्कूल के संवाददाता और पांच अन्य लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपी अधिकारी सिवारमन और एक अन्य एनसीसी अधिकारी अब भी फरार हैं और पुलिस उनकी तलाश कर रही है.
यह घटना एक सप्ताह तक चलने वाले एनसीसी शिविर के दौरान हुई, जहां 17 लड़कियों को स्कूल के ऑडिटोरियम में ठहराया गया था. आरोप है कि 30 वर्षीय सिवारमन, जो एनसीसी अधिकारी था, ने 8 अगस्त की रात को लड़की को बहला-फुसलाकर बाहर ले गया और उसके साथ बलात्कार किया.
जब छात्रा ने इस घटना की जानकारी स्कूल के प्राचार्य को दी, तो उन्होंने उसे चुप रहने की सलाह दी और मामले को दबाने की कोशिश की. शिविर के समापन के बाद जब छात्रा घर लौटी, तो उसकी तबीयत बिगड़ने लगी. 16 अगस्त को अस्पताल में इलाज के दौरान उसने अपने माता-पिता को इस भयावह घटना के बारे में बताया.
A private school correspondent, principal, and 5 others were arrested by the Bargur police for trying to hush up the rape of a 13-year-old Class VIII student by an NCC officer
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— The Times Of India (@timesofindia) August 19, 2024
पुलिस की कार्रवाई
माता-पिता ने उसी रात बर्गुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की. जांच में यह पाया गया कि सिवारमन ने शिविर में अन्य लड़कियों के साथ भी यौन उत्पीड़न किया था. पुलिस ने सिवारमन और एक अन्य एनसीसी अधिकारी सुधाकर के खिलाफ कार्रवाई की योजना बनाई, लेकिन दोनों आरोपी अभी तक फरार हैं.
अन्य गिरफ्तारियां और राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस मामले में स्कूल के संवाददाता, प्राचार्य, एक सामाजिक विज्ञान के शिक्षक और चार एनसीसी अधिकारियों को मामले को दबाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. सिवारमन, जो कि नाम तमिलर काची (NTK) पार्टी के युवा विंग का कृष्णागिरी ईस्ट जिले का सचिव था, को इस अपराध के उजागर होने के बाद पार्टी के नेता सीमैन ने तत्काल पार्टी से निष्कासित कर दिया.
यह घटना ना केवल एक मासूम बच्ची के साथ हुए अत्याचार को दर्शाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस प्रकार कुछ लोग अपनी जिम्मेदारियों से मुंह मोड़ते हुए अपराध को दबाने की कोशिश करते हैं. यह मामला समाज के सामने एक कड़वा सच लाता है, जो यह साबित करता है कि सुरक्षा और न्याय की जरूरत कितनी अधिक है. अब यह देखना होगा कि पुलिस जल्द से जल्द फरार आरोपियों को पकड़कर पीड़िता और उसके परिवार को न्याय दिला पाती है या नहीं.