मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा है कि "हनुमानजी को किसी धर्म से नहीं जोड़ा जाना चाहिए, मुझे हनुमान भक्त होने पर गर्व है." राजधानी भोपाल के मिंटो हॉल में महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर हनुमान चालीसा का सवा करोड़ जाप किए जाने की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "मेरे जीवन में हनुमानजी की विशेष कृपा रही है, मुझे गर्व है कि मैं हनुमान भक्त हूं और गांधीजी मेरे आदर्श हैं."
दिल्ली के शाहीन बाग में आज रात होने वाली प्रेस कांफ्रेंस रद्द हो गई है. बताना चाहते है कि नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ पिछले कई दिनों से राजधानी के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन जारी है. गुरूवार देर शाम खबर आयी कि प्रदर्शनकारी महिलाएं रात 11 बजे मीडिया से बातचीत करेंगी लेकिन अब खबर है कि प्रेस कांफ्रेंस रद्द हो गई है.
UPDATE- #ShaheenBagh Protests to continue as before.
No consensus reached on opening one side of the road. Multiple factions in the protesters: One that wanted one side of road to open, another that opposed such a move.
Press Conference that was called has been CANCELLED— Zeba Warsi (@Zebaism) January 30, 2020
भारत की महिला हॉकी टीम की कप्तान रानी रामपाल ने गुरुवार को द वर्ल्ड गेम्स एथलीट ऑफ द इअर 2019 पुरस्कार जीत लिया है. यह पुरस्कार शानदार प्रदर्शन, सामाजिक सरोकार और अच्छे व्यवहार के लिए दिया जाता है. इस पुरस्कार के लिए लोगों ने मतदान किया.
CAA-NRC Protest: राजधानी दिल्ली स्थित शाहीन बाग में आज रात 11 बजे प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया जाएगा.
Delhi: A press conference to be held at Shaheen Bagh at 11 pm tonight.— ANI (@ANI) January 30, 2020
नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करते जामिया के छात्रों का जुलूस गुरुवार शाम महात्मा गांधी की समाधि राजघाट की ओर बढ़ रहा था, दिल्ली गेट पर पुलिस ने जुलूस को रोक दिया. इसके बाद छात्रों और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की हुई. जुलूस के साथ स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेंद्र यादव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील व जाने-माने जनाधिकार कार्यकर्ता प्रशांत भूषण भी थे, जिन्हें हिरासत में ले लिया गया. पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को खींच-खींचकर बसों में भरा और वहां से दूर ले गई.
फर्रुखाबाद में एक शातिर बदमाश ने लगभग 15 बच्चों और कुछ महिलाओं को बंधक बनाकर रखा है. उन्हें बचाने के लिए ऑपरेशन चल रहा है. वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं.
Farrukhabad Police: More than 15 children, and a few women, have been held hostage at a house. Operation to rescue them is underway. Senior police officers are present at the spot. More details awaited.— ANI UP (@ANINewsUP) January 30, 2020
बिहार के उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बताया कि बिहार बजट 2020-21 पेश करने से पहले 31 जनवरी से 15 फरवरी के बीच 10 वर्ग समूहों के बीच परिचर्चा कर बजट के संबंध में उनकी अपेक्षाएं व सुझाव जाने जाएंगे. उन्होंने गुरुवार को बताया कि बजट पूर्व परिचर्चा की यह परिपाटी विगत 2006 से ही जारी है.
राजघाट जाने वाले अधिकांश रास्ते गुरुवार दोपहर बाद बंद कर दिए गए. ऐसा इसलिए किया गया ताकि जामिया में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे जामिया विश्वविद्यालय के छात्र राजघाट पहुंचकर प्रदर्शन न कर सकें.
सीएए और एनआरसी के खिलाफ जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के बाहर अब भी विरोध प्रदर्शन जारी है. विरोध प्रदर्शन को देखते हुए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किए गए हैं.
Delhi: Protests continue near Jamia Millia Islamia University against #CitizenshipAmendmentAct and National Register of Citizens (NRC). Heavy Police force deployed. pic.twitter.com/MtFRYW4570— ANI (@ANI) January 30, 2020
NEET PG result 2020: नेशनल बोर्ड ऑफ एग्जामिनेशन (NBE) का रिजल्ट आज जारी किया जा चूका है. अभ्यर्थी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट www.nbe.edu.in पर जाकर नतीजे चेक कर सकते हैं.
नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप केस (Nirbhaya Gangrape Case) में मौत की सजा पाए चार दोषियों में से एक अक्षय कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका (Curative Petition) पर सुप्रीम कोर्ट में आज (30 जनवरी) को सुनवाई होगी. 31 वर्षीय अक्षय ने बुधवार को शीर्ष कोर्ट का रुख किया था. याचिका में कहा गया है कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय के चलते अदालतें सभी समस्याओं के समाधान के रूप में फांसी की सजा सुना रही हैं.
न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमती और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ सुधारात्मक याचिका की सुनवाई करेगी. उल्लेखनीय है कि सुधारात्मक याचिका किसी दोषी के पास अदालत में अंतिम कानूनी उपाय है.
दोषी अक्षय ने कहा है कि अपराध की बर्बरता के आधार पर शीर्ष न्यायालय द्वारा उसके अनुरूप मौत की सजा के सुनाने से इस न्यायालय की और देश की अन्य फौजदारी अदालतों के फैसलों में असंगतता उजागर हुई हैं. इन अदालतों ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर जन दबाव और जनता की राय को देखते हुए सभी समस्याओं के समाधान के रूप में मौत की सजा सुनाई हैं.
मामले में दो अन्य दोषियों विनय कुमार शर्मा और मुकेश कुमार सिंह द्वारा दायर सुधारात्मक याचिकाएं शीर्ष न्यायालय पहले ही खारिज कर चुकी हैं. चौथे दोषी पवन गुप्ता ने सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है, उसके पास अब भी यह विकल्प है.
याचिका में कहा गया है, ‘‘यह खोखला दावा है कि मौत की सजा एक विशेष तरह का प्रतिरोध पैदा करती है जो उम्र कैद की सजा से नहीं हो सकता है और उम्र कैद अपराधी को माफ करने जैसा है...यह प्रतिशोध और प्रतिकार को न्यायोचित ठहराने के सिवा कुछ नहीं है.’’
अक्षय ने अपनी याचिका में दावा किया है कि बलात्कार एवं हत्या के करीब 17 मामलों में शीर्ष न्यायालय के तीन न्यायाधीशों की पीठ ने मौत की सजा में बदलाव कर उसे हल्का किया है.
इसमें कहा गया है कि इस तरह के एक मामले में एक नाबालिग से सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के मामले में मौत की सजा को इस न्यायालय ने एक पुनर्विचार फैसले में घटा कर 20 साल के सश्रम कारावास में तब्दील कर दिया. यह इस आधार पर किया गया कि दोषी की कोई आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं थी और उसके सुधार की अब भी गुंजाइश है.
अक्षय ने न्यायालय से जानना चाहा है कि यदि याचिकाकर्ता को जीवित छोड़ दिया जाता है और उसे जेल में रहते हुए अपने परिवार के लिए मामूली आय अर्जित करने की इजाजत दी जाती है तो क्या वह अपनी कोठरी के अंदर समाज के लिए क्या खतरा पेश करेगा.
याचिकाकर्ता ने उम्र कैद की सजा काटने वाले ऐसे कई दोषियों को देखा है जो गरीब थे लेकिन गरीबी में जी रहे अपने परिवारों के लिए कम से कम मामूली रकम तो भेज सकें. याचिकाकर्ता ने इस न्यायालय से पूछा है कि उसकी जीवनलीला समाप्त करने के बजाय उसकी उम्रकैद की सजा से क्यों सामूहिक चेतना संतुष्ट नहीं होगी.
न्यायमूर्ति जे एस वर्मा कमेटी की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए उसने कहा कि इसने बलात्कार एवं हत्या के अपराधों के लिए मौत की सजा के खिलाफ पैरोकारी की है.
अपनी सामाजिक आर्थिक दशा का जिक्र करते हुए अक्षय ने कहा कि यह एक ऐसी परिस्थिति है जिसपर न्यायालय को सजा सुनाते समय विचार करने की जरूरत थी लेकिन इसे पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया.
उसने सुधार की गुंजाइश की संभावना और आपराधिक पृष्ठभूमि नहीं होने का भी जिक्र किया.
इससे पहले दिन में अक्षय के वकील एपी सिंह ने कहा कि उन्होंने बुधवार को सुधारात्मक याचिका दायर की तथा उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री ने याचिका के साथ कुछ और दस्तावेज मांगे हैं.
सिंह ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘मैंने आज सुधारात्मक याचिका के साथ उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री का रुख किया. रजिस्ट्री ने मुझसे याचिका के साथ कुछ अतिरिक्त दस्तावेज मांगे हैं और मैं औपचारिकताओं को पूरा करने की प्रक्रिया में हूं.’’
निचली अदालत ने सभी चार दोषियों -- मुकेश (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी दिए जाने का वारंट जारी किया है.