दिल्ली में 23 किमी ग्रीन कॉरिडोर ने बचाई बीएसएफ कांस्टेबल की जान

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने शुक्रवार को शहर में जसोला से राजेंद्र प्लेस तक 23 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया, ताकि एक मृत व्यक्ति के लीवर को तेजी से ले जाकर एक अन्य व्यक्ति को प्रत्यारोपित करके उसे नया जीवन दिया जा सके.

दिल्ली में 23 किमी ग्रीन कॉरिडोर ने बचाई बीएसएफ कांस्टेबल की जान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Wikimedia Commons)

नई दिल्ली, 24 जुलाई : दिल्ली ट्रैफिक पुलिस (Delhi Traffic Police) ने शुक्रवार को शहर में जसोला से राजेंद्र प्लेस तक 23 किलोमीटर का ग्रीन कॉरिडोर बनाया, ताकि एक मृत व्यक्ति के लीवर को तेजी से ले जाकर एक अन्य व्यक्ति को प्रत्यारोपित करके उसे नया जीवन दिया जा सके. लीवर (जिगर) को जसोला के इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल से राजेंद्र प्लेस के बीएलके मैक्स अस्पताल में मात्र 22 मिनट में 23 किलोमीटर के रास्ते से ले जाया गया.एक 70 वर्षीय पुरुष रोगी द्वारा दान किया गया लीवर, जिन्हें इंट्राक्रैनील रक्तस्राव का सामना करना पड़ा, जिसके परिणामस्वरूप उनका मस्तिष्क मृत (ब्रेन डेड) हो गया था, को बीएलके में मध्य प्रदेश में ग्वालियर के रहने वाले एक 42 वर्षीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) कांस्टेबल को प्रत्यारोपित किया गया.

बीएलके में एचपीबी सर्जरी और लीवर प्रत्यारोपण विभाग के वरिष्ठ निदेशक और एचओडी अभिदीप चौधरी ने एक बयान में कहा, हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि लगभग सात घंटे तक चली सर्जरी में, हम 42 वर्षीय पुरुष बीएसएफ कांस्टेबल को एक नया जीवन देने में कामयाब रहे, जो लंबे समय से प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे थे.कांस्टेबल जॉन्डिस, जलोदर (पेट में तरल पदार्थ का असामान्य निर्माण), यकृत एन्सेफैलोपैथी (गंभीर जिगर की बीमारी के कारण मस्तिष्क के कार्य में गिरावट) और आवर्तक गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल रक्तस्राव के साथ अंतिम चरण के जिगर की बीमारी से पीड़ित थे. यह भी पढ़े : Karnataka Unlock: कर्नाटक में कोरोना प्रतिबंधों में और ढील, धार्मिक स्थलों-मनोरंजन पार्क को खोलने की मिली सशर्त अनुमति, जानें और क्या हुआ अनलॉक

चौधरी ने कहा, उन्हें इस साल 21 मई से लिवर कोमा की स्थिति में हमारे अस्पताल में भर्ती कराया गया था. मरीज की हालत गंभीर थी, हालांकि, उसके परिवार का कोई भी सदस्य दान के लिए उपयुक्त नहीं था. डॉक्टर ने कहा कि मरीज ठीक हो रहा है. उन्होंने कहा, हम उस दाता के परिवार के ऋणी हैं, जिसने गंभीर रोगियों को उनके नुकसान (मृत्यु) के समय में भी सेवा देने का फैसला किया. अंगदान कई अनमोल जीवन बचा सकता है और मुझे वास्तव में उम्मीद है कि हर कोई इस कारण को स्वीकार करेगा. हम सभी संबंधित अधिकारियों जैसे नोटो और दिल्ली पुलिस को भी त्वरित कार्रवाई करने और इसे संभव बनाने के लिए धन्यवाद देना चाहते हैं.


संबंधित खबरें

Delhi Rains: होली से पहले दिल्ली-NCR में बदला मौसम, बारिश और तेज हवाओं के साथ गिरे ओले

Delhi: ओखला फेज-1 के गोदाम में लगी भीषण आग, 24 दमकल गाड़ियां मौके पर पहुंचीं

Disawar Satta King Result: दिसावर गाजियाबाद क्या है? जानें इसके बारे में

Kalyan Satta Matka Mumbai: कल्याण सट्टा मटका में जोड़ी क्या है? जानें इसके बारे में

\