मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस पर होगा 2 हजार कड़कनाथ के चूजों का वितरण
मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस एक नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर विविध आयोजन होंगे. इसी के तहत राज्य की पहचान में से एक कड़कनाथ के मुर्गों के चूजों का इस मौके पर निशुल्क वितरण किया जाने वाला है. यह मुर्गों की एक खास प्रजाति है जो सिर्फ मध्य प्रदेश के झाबुआ और आसपास के इलाकों में पाई जाती है.
भोपाल, 27 अक्टूबर: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) का स्थापना दिवस (Foundation Day) एक नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा. इस मौके पर विविध आयोजन होंगे. इसी के तहत राज्य की पहचान में से एक कड़कनाथ के मुर्गों के चूजों का इस मौके पर निशुल्क वितरण किया जाने वाला है. यह मुर्गों की एक खास प्रजाति है जो सिर्फ मध्य प्रदेश के झाबुआ और आसपास के इलाकों में पाई जाती है. यह भी पढ़े: Madhya Pradesh: नजदीक आये चुनाव तो सियासी दलों में मची किसान हितैषी बताने की होड़
जानकारी के मुताबिक, स्थापना दिवस यानी एक नवम्बर को झाबुआ में अनुसूचित जनजाति के 20 हितग्राहियों को कड़कनाथ के दो हजार चूजों का नि:शुल्क वितरण किया जाएगा. साथ ही इस अवसर पर कुक्कुट प्रक्षेत्र झाबुआ में 30,240 अंडों की क्षमता वाली नव-निर्मित हेचरी का लोकार्पण भी किया जाएगा.इसका हितग्राहियों को काफी लाभ मिलेगा. उल्लेखनीय है कि कड़कनाथ को जीआई टैग मिला हुआ है.
मध्यप्रदेश के कड़कनाथ मुर्गे की अन्य राज्यों में निरंतर मांग बढ़ती जा रही है. सामान्य मुर्गे की अपेक्षा इससे कई गुना अधिक आमदनी पालकों को होती है. इसके मद्देनजर शासन द्वारा कड़कनाथ पालन के लिये तीन जिलों झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी में नि:शुल्क कड़कनाथ चूजा वितरण की योजना आरंभ की गई है. योजना में अनुसूचित जनजाति के हितग्राहियों को प्रति यूनिट एक लाख रुपए का लाभ मिलता है. योजना में झाबुआ जिले के 106, अलीराजपुर के 87 और बड़वानी जिले के 117 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जाएगा.
राज्य का का स्थापना दिवस 'आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश' के रूप में मनाया जाएगा. राज्य स्तरीय आयोजन लाल परेड ग्राउंड में खास कार्यक्रम होगा. इस समारोह में आत्म-निर्भर मध्यप्रदेश के लिए जन-भागीदारी अभियान की थीम पर 45 से 50 मिनट की अवधि की नृत्य-नाटक को ध्वनि प्रकाश माध्यमों से प्रस्तुत किया जाएगा. कोरियोग्राफी प्रस्तुति के बाद गीत-संगीत के कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी जाएगी. राज्य में उप निर्वाचन वाले जिलों को छोड़कर सभी जिला मुख्यालयों पर स्थापना दिवस के समारोह आयोजित किए जाएगे. जिला मुख्यालय स्थित प्रमुख शासकीय भवनों और ऐतिहासिक इमारतों पर एक नवंबर की रात्रि को प्रकाश की व्यवस्था की जाएगी.