Delhi Heatwave: 9 दिन में लू से 192 मौत, दिल्ली में बेघर लोगों के लिए काल बनी गर्मी
भीषण गर्मी के कारण दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के कई हिस्सों में हीटस्ट्रोक (Heat Stroke) से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. दिल्ली में गर्मी और हीटवेव (Heatwave) से 11 से 19 जून 2024 के बीच 192 बेघर लोगों की मौत हो गई है.
नई दिल्ली: भीषण गर्मी के कारण दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत के कई हिस्सों में हीटस्ट्रोक (Heat Stroke) से सैकड़ों लोगों की मौत हो गई. दिल्ली में गर्मी और हीटवेव (Heatwave) से 11 से 19 जून 2024 के बीच 192 बेघर लोगों की मौत हो गई है. एनजीओ सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट की रिपोर्ट के अनुसार, 11 जून से 19 जून के बीच दिल्ली में लू के कारण कुल 192 बेघर लोगों की मौत हुई. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, नोएडा में भी पिछले 24 घंटों में संदिग्ध हीट स्ट्रोक के कारण 14 से अधिक लोगों की मौत हो गई. Heatwave Kills Hajj Pilgrims: हज के लिए गए 90 भारतीयों की मौत! मक्का की भीषण गर्मी से 645 से अधिक लोगों की गई जान.
वर्ष 2024 में मरने वालों की संख्या पिछले वर्ष 11 जून से 19 जून के बीच की तुलना में बहुत अधिक है. पिछले साल 2023 में यह संख्या 75 थी. भीषण गर्मी और लू की सबसे ज्यादा मार बेघर लोगों पर पड़ी. छत और दो वक्त के रोटी के लिए संघर्ष करने वाले इन लोगों की बड़ी संख्या में मौत हुई है.
गर्मी से बचने के लिए हम जहां पंखें, कूलर, AC का सहारा लेते हैं, अपने खान -पान का ध्यान रखते हैं... वहीं इन लोगों के पास ये बुनियादी सुविधा नहीं होने के कारण ये गर्मी से जुड़ी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि हीटस्ट्रोक और डिहाइड्रेशन की चपेट में आए. इन लोगों को आश्रय देने के लिए बनाए गए शेल्टर क्षमता और सुविधाओं के मामले में कम पड़ गए. जिससे मौसम में हुए बदलाव का सबसे ज्यादा असर इन पर पड़ा.
एनजीओ द्वारा किए गए एक अध्ययन में कहा गया है कि गर्मी के कारण मरने वाले लोगों के लावारिस शवों में से 80 प्रतिशत बेघर लोगों के हैं. एनजीओ के कार्यकारी निदेशक सुनील कुमार अलेडिया ने कहा कि वायु प्रदूषण, तेजी से औद्योगिकीकरण, शहरीकरण और वनों की कटाई जैसे कारकों के कारण तापमान में वृद्धि हुई है, जिससे बेघर लोगों के लिए स्थिति और भी खराब हो गई है.
रिपोर्ट में कहा गया कि हाइड्रेशन के लिए आवश्यक स्वच्छ पेयजल तक पहुंच एक महत्वपूर्ण चुनौती बनी हुई है, जिससे निर्जलीकरण और संबंधित स्वास्थ्य जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है.