Sikkim Flood: 22 जवानों का अब भी पता नहीं, कुल 102 लोग लापता, भारतीय सेना ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत करीब 102 लोग लापता हैं.
गंगटोक: उत्तरी सिक्किम में ल्होनक झील पर बादल फटने से तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आने के बाद कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई और 22 सैन्यकर्मी समेत करीब 102 लोग लापता हैं. सिक्किम सरकार ने बुधवार को पुष्टि की कि बुधवार तड़के सिक्किम में आई अचानक बाढ़ में अब तक 14 लोगों की मौत हो गई है. 14 मृतकों में सभी नागरिक हैं जबकि 102 लोग अभी भी लापता हैं. राज्य के विभिन्न हिस्सों में 3,000 से अधिक पर्यटकों के फंसे होने की आशंका है. चुंगथांग में तीस्ता स्टेज 3 बांध में काम करने वाले 12-14 मजदूर अभी भी बांध की सुरंगों में फंसे हुए हैं.
अधिकारियों ने कहा कि मरने वाले सभी 14 लोगों की पहचान आम नागरिकों के रूप में की गई है, जिनमें से तीन लोग उत्तरी बंगाल में बह गए थे. उन्होंने बताया कि सुबह लापता हो गए सेना के 23 जवानों में से एक को बाद में बचा लिया गया. अधिकारियों ने बताया कि सिक्किम में रात करीब डेढ़ बजे शुरू हुई बाढ़ की स्थिति चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण और बदतर हो गई.
सिक्किम के मुख्य सचिव वी बी पाठक ने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों से आए 3,000 से अधिक पर्यटकों के राज्य के विभिन्न हिस्सों में फंसे होने की सूचना है. पाठक ने कहा कि चुंगथांग में तीस्ता चरण तीन बांध में कार्यरत कई कर्मचारी भी फंसे हुए हैं.
आर्मी ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर
भारतीय सेना ने अपने सैनिकों सहित सिक्किम में लापता लोगों के परिवारों के लिए तीन हेल्पलाइन शुरू की हैं.
- उत्तरी सिक्किम के लिए सेना का हेल्पलाइन नंबर - 8750887741
- पूर्वी सिक्किम के लिए सेना की हेल्पलाइन - 8756991895
- लापता सैनिकों के लिए सेना की हेल्पलाइन - 7588302011
बाढ़ से भीषण नुकसान
मुख्य सचिव ने कहा कि बाढ़ के कारण सड़क बुनियादी ढांचे को व्यापक नुकसान हुआ है क्योंकि 14 पुल ढह गए हैं, जिनमें से नौ सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के अधीन हैं और पांच राज्य सरकार के हैं. एक अन्य अधिकारी ने कहा कि अब तक करीब 166 लोगों को बचाया गया है, जिनमें सेना का एक जवान भी शामिल है.
रक्षा प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल महेंद्र रावत ने कहा, "बचाए गए सैनिक की स्वास्थ्य स्थिति स्थिर है." अधिकारियों ने बताया कि बचाव कर्मियों ने सिंगताम के गोलिटार में तीस्ता नदी के बाढ़ क्षेत्र से कई शव निकाले.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य में अचानक आयी बाढ़ से उपजे हालात की समीक्षा की. प्रधानमंत्री ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का आश्वासन भी दिया. मोदी ने ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘सिक्किम के मुख्यमंत्री पी एस तमांग से बात की और राज्य के कुछ हिस्सों में दुर्भाग्यपूर्ण प्राकृतिक आपदा से पैदा हुई स्थिति की समीक्षा की. चुनौतियों का सामना करने के लिए हरसंभव मदद का आश्वासन दिया. मैं सभी प्रभावितों की सुरक्षा और कुशलता की प्रार्थना करता हूं.’’
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सेना के लापता जवानों की सलामती के लिए प्रार्थना की. कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने सिक्किम की स्थिति की समीक्षा की और पर्यटकों और सुरंग में फंसे लोगों को निकालने पर जोर दिया.
केंद्रीय सचिव ने समिति को बताया कि केंद्र सरकार द्वारा उच्चतम स्तर पर लगातार स्थिति पर नजर रखी जा रही है और हर संभव मदद दी जा रही है. राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने पहले ही तीन टीम तैनात कर दी हैं और अतिरिक्त टीम गुवाहाटी और पटना में तैयार हैं. सिक्किम सरकार ने एक अधिसूचना में इसे आपदा घोषित कर दिया है.
चुंगथांग बांध से पानी छोड़े के कारण स्थिति हुई बद्तर
रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि चुंगथांग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण झील में जलस्तर अचानक 15 से 20 फुट तक बढ़ गया. उन्होंने बताया, ‘‘सेना के 22 जवानों के लापता होने की सूचना है और 41 वाहन कीचड़ में धंसे हुए हैं.’’ एक रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘‘सिक्किम और उत्तरी बंगाल में तैनात भारतीय सेना के अन्य सभी जवान सुरक्षित हैं, लेकिन मोबाइल संचार बाधित होने के कारण वे अपने परिवार के सदस्यों से संपर्क करने में असमर्थ हैं."
एक अधिकारी ने बताया, ‘‘राज्य की राजधानी गंगटोक से 30 किलोमीटर दूर सिंगताम में स्टील से बना एक पुल बुधवार तड़के तीस्ता नदी के पानी में पूरी तरह से बह गया. इस पुल को इंद्रेणी पुल के नाम से भी जाना जाता है.’’
केंद्रीय जल आयोग (सीडब्ल्यूसी) के मुताबिक, बुधवार दोपहर एक बजे तीस्ता नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे था और इसके आसपास बाढ़ की कोई स्थिति नहीं है. सीडब्ल्यूसी ने कहा कि तीन जगहों-मेल्ली, सिंगताम और रोहतक पर तीस्ता का जल स्तर खतरे के निशान से नीचे है, लेकिन इसके करीब बना हुआ है.