Teacher’s Day Special: बॉलीवुड की वो 5 फिल्में जो सिखाती जिंदगी जीने का असली सबक
बॉलीवुड फिल्म्स (Photo Credits: Instagram)

शिक्षक दिवस का ये दिन हर छात्र और उसके गुरु के लिए बेहद खास होता है. यही वो दिन है जब एक छात्र अपने गुरु या कहें कि अपने शिक्षक के प्रति अपने प्रेम और सम्मान को दर्शाते हुए उन्हें खास तौर पर नमन करता है. वैसे तो एक आदर्श छात्र हमेशा ही अपने गुरु का सम्मान करता है. लेकिन आज का ये दिन शिक्षकों द्वारा दिए गए उनके संस्कार और सीख के लिए उनका धन्यवाद करने का है.

आज दिन हम आपके लिए लेकर आए हैं बॉलीवुड की वो फिल्में जो आपको शिक्षक दिवस के मौके पर जरूर देखनी चाहिए.

तारे जमीन पर

आमिर खान की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस के साथ ही दर्शकों के दिलों पर भी अपनी हुकूमत कायम की थी. फिल्म की कहानी में बताया गया कि किस तरह से एक छात्र पढ़ाई एक मानसिक बिमारी के चलते पढ़ाई करने में दिक्कतों का सामना करता है और इसके कारण उसे समाज में काफी परेशानियां झेली पड़ती है. लेकिन आमिर उसकी जिंदगी में वो मसीहा बनकर आते हैं जो उस बच्चे को उसकी सही मंजिल दिखाते हैं. आमिर एक ऐसे शिक्षक एक रुप में नजर आए जिन्होंने बच्चों के भीतर छुपी कला को सभी के सामने रखा. फिल्म का संदेश है कि हर बच्चे अपने तरह से अलग और खास होता है.

इंग्लिश विंग्लिश

इस फिल्म से श्रीदेवी ने बॉलीवुड में अपना शानदार कमबैक किया था. इस फिल्म में जो संदेश दिया गया है उसने सभी के दिल को छू लिया. बताया गया कि किस तरह से हिंदी के आगे अंग्रेजी को महत्त्व दिया जाता और इंग्लिश बोलने में असमर्थ लोगों को परेशानियों का सना करना पड़ता है. फिल्म में श्रीदेवी के साथ भी कुछ ऐसा ही होता है लेकिन वो इंग्लिश बोलने के लिए काफी मेहनत करती हैं और अंत में सभी को एक खास मैसेज देती हैं.

नील बटे सन्नाटा

इस फिल्म का निर्देशन अश्विनी अय्यर तिवारी ने किया है. फिल्म में स्वरा भास्कर, रिया शुक्ला, रत्ना पाठक, पंकज त्रिपाठी और संजय सूरी ने काम किया है. फिल्म की कहानी मां-बेटी, एजुकेशन और उनकी आर्थिक तंगी पर आधारित है.

आई एम कलाम

इस फिल्म ने ऑडियंस को खुश करने के साथ ही कई सारे अवॉर्ड्स जीते. फिल्म की कहानी में बताया गया कि एक गरीब बच्चा किस तरह से पढ़ाई करने की चाह रखता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कमाल से प्ररित होकर अपने मंजिल की राह बनाता है.

3 इडियट्स

राजकुमार हिरानी की इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर रिकॉर्ड ब्रेकिंग सफलता हासिल की. इस फिल्म में आमिर खान ने मैसेज दिया है कि एक छात्र होने के नाते हमें जिंदगी की भाग दौड़ से परे रहकर अपनी मंजिल को पाने के लिए उत्कृष्ट होकर काम करना चाहिए. फिल्म में आमिर अपने दोस्त आर. माधवन और शर्मन जोशी को समझा रहे हैं कि भीड़ का हिस्सा न बनकर हमें वही काम करना चाहिए जिसमें हम माहिर हैं.

दंगल

आमिर खान की इस फिल्म ने समाज को एक गहरा संदेश दिया है. फिल्म का डायलॉग 'म्हारी छोरियां छोरों से कम है के' इसकी जान है. बताया गया कि किस तरह से महाबीर सिंह फोगाट अपनी बेटियों को दंगल लड़ने के लिए ट्रेन करते हैं और उन्हें नेशनल लेवल पर खेलने के योग्य बनाते हैं. इसके लिए उन्हें समाज से भी काफी दिक्कतें सहनी पड़ी लेकिन उन्होंने हार नहीं मानीं. ये काहानी आपको मोटिवेशन और देशभक्ति से हर देगी.