दक्षिण भारतीय अभिनेत्री नित्या मेनन (Nithya Menen) का कहना है कि अभिनेत्रियों को हमेशा सुदंरता की अवास्तविक अपेक्षा से निपटना पड़ता है जो कि गलत है और इस बॉडी शेमिंग (body shaming) पर रोक लगनी चाहिए. नित्या मल्टीस्टारर फिल्म 'मिशन मंगल' (Mission Mangal) से बॉलीवुड में डेब्यू करने जा रही हैं.
हालांकि तथाकथित परफेक्ट चेहरा और फिगर की मांग दक्षिण की अपेक्षा बॉलीवुड में ज्यादा है, इस बारे में नित्या की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मीडिया से कहा, "मेरा मानना है कि लोगों के लिए यह जरूरी है कि वे खूबसूरती के विभिन्न प्रकारों की सराहना करें. हर एक व्यक्ति अलग दिखता है और यही खूबसूरती है. यह बेहद नकारात्मक है जब लोग कहते हैं, 'तुम्हारी नाक परफेक्ट नहीं है, इसे ठीक करवाओ."'
नित्या ने आगे कहा, "हम एक निश्चित रूप में पैदा हुए हैं और हमें इस पर खुश होना चाहिए. इसकी शुरुआत बचपन से ही की जानी चाहिए और कभी किसी की शारीरिक कद-काठी की निंदा नहीं करनी चाहिए."
नित्या के मुताबिक, "मुझे पता है कि लोग बच्चों से उनकी त्वचा की रंगत के बारे में बात करते हैं. कभी बच्चों को 'मोटू' इत्यादि कहकर बुलाया जाता है. इसे तभी रोकना चाहिए. सोशल मीडिया पर काफी ट्रोलिंग होती है, जो कि बेहद निर्मम है! लोग कलाकारों से अवास्तविक सुंदरता की अपेक्षा रखते हैं."
विद्या बालन, भूमि पेडनेकर, सोनाक्षी सिन्हा और सारा अली खान जैसी कई अभिनेत्रियां हैं जिन्हें उनके शारीरिक वजन के चलते कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा.
अपनी आगामी फिल्म 'मिशन मंगल' में नित्या एक महिला वैज्ञानिक का किरदार निभा रही हैं. इसमें उनके साथ विद्या बालन, तापसी पन्नू, कीर्ति कुल्हारी, सोनाक्षी सिन्हा और अक्षय कुमार हैं.
'मिशन मंगल' की कहानी भारत के मार्स ऑर्बिटर मिशन (Mars Orbiter Mission) पर आधारित है. इसके निर्देशक जगन शक्ति हैं और यह फिल्म 15 अगस्त को रिलीज होगी.