मुंबई, पांच नवंबर (भाषा) सेंसर बोर्ड के पूर्व प्रमुख और फिल्मकार पहलाज निहलानी ने सोमवार को बंबई उच्च न्यायालय का रुख कर केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) के एक आदेश को चुनौती दी. सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड ने अपने इस आदेश में निहलानी की जल्द ही रिलीज होने जा रही फिल्म ‘रंगीला राजा’ से 20 दृश्य हटाने को कहा था.
निहलानी ने अपनी याचिका में कहा कि सेंसर बोर्ड का सुझाव सही ठहराने लायक नहीं है, क्योंकि उनका मानना है कि फिल्म किसी भी तरह से अश्लील नहीं है.
फिल्मकार ने सेंसर बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष प्रसून जोशी पर भी निशाना साधा और कहा कि वह ‘‘राजनीतिक तौर पर प्रेरित हैं.’’
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि जब एक फिल्म को प्रमाणन के लिए बोर्ड के पास भेजा जाता है तो बोर्ड की स्क्रीनिंग कमेटी ने फैसला करने में 21 दिन का वक्त लगता है. लेकिन इस मामले में फैसला करने में उसे 40 दिन लग गए.
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बीते दो नवंबर को कमिटी ने आदेश पारित कर फिल्म से कई दृश्य हटाने को कहा था. उच्च न्यायालय की अवकाशकालीन पीठ मंगलवार को निहलानी की याचिका पर सुनवाई कर सकती है.
सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष के तौर पर निहलानी का कार्यकाल काफी विवादों में रहा था. कई फिल्मकारों ने उन पर आरोप लगाए थे कि वह उनकी फिल्मों में मनमाने तरीके से दृश्य हटाने को कहते थे. इस विवाद के बाद निहलानी को पद से हटाकर प्रसून जोशी को सेंसर बोर्ड का अध्यक्ष बना दिया गया था.
‘रंगीला राजा’ में मशहूर अभिनेता गोविंदा मुख्य भूमिका में हैं. इस फिल्म के जरिए करीब 25 साल बाद निहलानी और गोविंदा साथ काम कर रहे हैं. इससे पहले, वे ‘इल्जाम’, ‘शोला और शबनम’ और ‘आंखें’ जैसी फिल्मों में साथ काम कर चुके हैं.