Haryana Movie Review: भाइयों की खूबसूरत बॉन्डिंग से सजी फिल्म ‘हरियाणा’ में कॉमेडी का भी लगा है तड़का!
कॉमेडी-ड्रामा हिंदी फिल्म हरियाणा इस फ्राइडे सिनेमाघरों में रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह फिल्म हरियाणा के बैकड्रॉप पर बनी है और फिल्म के ज्यादातर हिस्से रियल लोकेशन में ही शूट हुए हैं.
Haryana Movie Review: कॉमेडी-ड्रामा हिंदी फिल्म हरियाणा इस फ्राइडे सिनेमाघरों में रिलीज के लिए पूरी तरह से तैयार है. यह फिल्म हरियाणा के बैकड्रॉप पर बनी है और फिल्म के ज्यादातर हिस्से रियल लोकेशन में ही शूट हुए हैं. फिल्म में सीनियर एक्टर यश टोंक, और अश्लेशा सावंत के अलावा मोनिका शर्मा, आकर्षण सिंह और रोबी मारी भी प्रमुख भूमिका में हैं. फिल्म जहां भाईयों की बॉन्डिंग पर बेस्ड है, वहीं इस फिल्म में कॉमेडी का भी तड़का लगा है.
फिल्म की कहानी शुरु होती है एक गांव से, जहां बड़ा भाई महेंद्र (यश टोंक) अपने छोटे भाई जयबीर (रोबी मारी) और जुगनू (आकर्षण सिंह) की खुशी के लिए कुछ भी करने के लिए हमेशा तैयार रहता है. दबंग महेंद्र अपने यहां होने वाले स्थानीय चुनाव में प्रत्याशी भी हैं और अपने ही गांव की बिमला से मोहब्बत करते हैं. हिसार में पढ़ रहे भाई जयवीर को अपने कॉलेज की लड़की वसुधा (मोनिका शर्मा) से प्यार हो जाता है लेकिन वसुधा किसी और को चाहती है. इसी बीच सबसे छोटे भाई जुगनू (रोबी मारी ) का मासूम दिल बॉलीवुड की अभिनेत्री आलिया भट्ट पर आ जाता है. अपने भाई जुगनू के प्यार को दिलाने के लिए महेंद्र उसे पूरी तैयारी के साथ मुंबई भेजता है. जसबीर की ट्रैजिक लव स्टोरी का अंत क्या होता है और जुनगु को मुंबई में आलिया भट्ट मिल पाती है या नहीं, अपने भाइयों के प्यार के लिए सब कुछ दाव पर लगाने वाले महेंद्र को अपना प्यार मिलता है या नहीं यह जानने के लिए आपको फिल्म देखनी होगी.
फिल्म का बैकड्रॉप हरियाणा का है, इसलिए डायरेक्टर ने फिल्म के लिए ज्यादातर हरियाणवी कलाकारों को ही चुना है. इसकी वजह से सभी कलाकारों के अभिनय और संवाद में स्वाभाविकता दिखाई देती है. यश टोंक एक परिपक्व अभिनेता हैं महेंद्र के किरदार में देसी दबंग हरयाणवी के साथ ही एक भावुक भाई की विविधता उनके अभिनय में देख सकते हैं. अश्लेषा सावंत ने बिमला के किरदार को बाखूबी निभाया है. बाकी सपोर्टिंग कास्ट भी अपने अपने किरदार के इर्द गिर्द ही नजर आई है.
संदीप बसवाना की बतौर डायरेक्टर यह पहली फिल्म है. पर उनके विजन में काफी परिपक्वता देखने को मिली है. पर हां कहीं-कहीं फिल्म लय खोती भी दिखी, उन्हें अपने डायरेक्शन को और कसने की जरूरत है. म्यूजिक और गानों पर भी और अधिक काम करने की जरूरत थी. पर वहीं उन्होंने हरियाणा की बोली, गांव के मासूम लोग और परिवार में आपस में प्यार को बहुत ही शानदार तरीके से दिखाने की कोशिश की है. टीवी और फिल्मों में हरियाणा राज्य की छवि एक रूढ़िवादी और परंपरावादी समाज की दिखाई जाती रही है, लेकिन इस फिल्म में बदलते और आधुनिक सोच वाले हरियाणा को दिखाने में डायरेक्टर सफल साबित होते नजर आए हैं.