Sushant Singh Rajput Case: सुशांत सिंह राजपूत मामले की सीबीआई जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में 2 जनहित याचिकाएं

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग तेज होती जा रही है. बिहार सरकार द्वारा इसकी अनुशंसा किए जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में भी सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई है. यहां मंगलवार को इससे जुड़ी दो जनहित याचिकाएं दायर की गईं.

सुशांत सिंह राजपूत (Photo Credits: Instagram)

दिवंगत अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की मौत के मामले में सीबीआई जांच की मांग तेज होती जा रही है. बिहार सरकार द्वारा इसकी अनुशंसा किए जाने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट में भी सीबीआई से जांच करवाने की मांग की गई है. यहां मंगलवार को इससे जुड़ी दो जनहित याचिकाएं दायर की गईं. इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में रिया चक्रवर्ती (Rhea Chakraborty) की याचिका पर भी सुनवाई हो चुकी है, जिसमें रिया ने पटना में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे को मुंबई में स्थानांतरित करने की मांग की थी. सुशांत सिंह राजपूत के पिता के. के. सिंह ने बिहार पुलिस में रिया के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया था.

बिहार सरकार द्वारा सुशांत सिंह राजपूत की मौत की सीबीआई जांच के लिए मंगलवार को केंद्र से सिफारिश किए जाने के दौरान ही अधिवक्ता अजय कुमार अग्रवाल और मुंबई निवासी कानून के छात्र द्विवेन्द्र देवतादीन दुबे ने ये जनहित याचिकाएं दायर की. सुशांत 14 जून को मुंबई के बांद्रा स्थित अपने निवास पर मृत पाए गए थे. शीर्ष अदालत में राजनीतिक रूप से संवेदनशील बोफोर्स घोटाले के लिए सक्रिय रहने वाले अग्रवाल ने शीर्ष अदालत से बॉलीवुड अभिनेता की मौत की जांच सीबीआई से कराने का निर्देश जारी करने का आग्रह किया है.

अग्रवाल ने अपनी दलील में कहा, बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत 14 जून को संदिग्ध परिस्थितियों में मुंबई में अपने घर में मृत मिले थे. मुंबई पुलिस ने तत्काल ही इसे आत्महत्या का मामला घोषित कर दिया, लेकिन 'एम एस धोनी' फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले सुशांत के आत्महत्या करने की बात किसी के गले नहीं उतर रही है. वकील ने दलील दी कि प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की पीठ ने 30 जुलाई को पहले ही इस मामले की सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका को खारिज कर दिया था, मगर तब से अभी तक इस मामले में कई घटनाक्रम हुए हैं. अग्रवाल ने कहा कि मुंबई पुलिस की जांच में कुछ गड़बड़ है और ऐसा लगता है कि वह कुछ तथ्यों को छिपाना और दबा देना चाहती है, जो मामले की निष्पक्ष जांच के लिए आवश्यक हैं.

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