Adipurush Row: 'आदिपुरुष' को बैन करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर, फिल्म में गली बॉय वाली भाषा का इस्तेमाल

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि जिन भगवानों की हम पूजा करते है, उनके बारे में फिल्म में सही नहीं बताया गया है. याचिकाकर्ता ने फिल्म के डायलॉग पर भी आपत्ति जताई हैं.

नई दिल्ली, 28 जून: सुप्रीम कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में सार्वजनिक रुप से फिल्म 'आदिपुरुष' का प्रमाण पत्र रद्द करने की मांग की गई है. ओम राउत द्वारा निर्देशित फिल्म 'आदिपुरुष' को लेकर एडवोकेट ममता रानी ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में कहा है कि जिन भगवानों की हम पूजा करते है, उनके बारे में फिल्म में सही नहीं बताया गया है. याचिकाकर्ता ने फिल्म के डायलॉग पर भी आपत्ति जताई हैं.

याचिका में कहा गया कि भगवान हनुमान, जिनका नाम बजरंग बली है, ने अपने प्रतिद्वंद्वी इंद्रजीत के जवाब में अपमानजनक संवाद का इस्‍तेमाल कर रहे हैं. ऐसे बयानों का इस्तेमाल सभ्य समाज में कभी नहीं किया जाता है, बल्कि भारत में केवल गली बॉय द्वारा ही बोला जाता हैं. HC On Adipurush: कुरान पर गलत डॉक्यूमेंट्री बनाएं और फिर देखें आपके साथ क्या होगा, हाई कोर्ट ने 'आदिपुरुष' मेकर्स को लगाई लताड़

याचिका में कहा गया है कि अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करना कभी भी किसी के लिए प्रेरणा नहीं हो सकता, और भगवान हनुमान जैसे महान व्यक्तित्व और देवता को इस तरह से दिखाना ईशनिंदा है, और इसे रोका जाना चाहिए.

याचिका में धार्मिक पांडुलिपियों और ग्रंथों को उनके मूल रूप में सुरक्षित रखने की भी मांग की गई है.

याचिका में कहा गया है कि आदिपुरुष में रावण, राम, सीता और हनुमान का चित्रण महर्षि वाल्मिकी की रामायण और तुलसीदास रामचरितमानस के विपरीत है. सिनेमैटोग्राफ अधिनियम 1952 की धारा 5ए के अनुसार यह फीचर फिल्म सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए उपयुक्त नहीं है.

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