मैं आज भी गांव में लुंगी पहनकर घूमता हूं, पहुंचते ही खुल जाती हैं चाय की दुकानें: Pankaj Tripathi
पंकज त्रिपाठी ने इंटरव्यू में कहा, मेरे लिए गांव में कुछ बदला नहीं है, अभी भी वैसे ही लुंगी पहनकर घूमता हूं. चाय की नई-नई दुकानें खुल जाती हैं. जिलाधिकारी पुलिस भेज देते हैं, तो ऐसे ही माहौल बन जाता है. हालांकि मुझे यह सब पसंद नहीं है.
Pankaj Tripathi's Exclusive Interview: पंकज त्रिपाठी एक ऐसा नाम, जिसे नाम बनने में काफी वक्त लगा, पर जब नाम बना तो उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. एक वक्त था जब उन्हें फिल्मों में छोटे-मोटे रोल के लिए बड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी, पर उनकी मेहनत रंग लाई और आज वे कई फिल्मों में लीड रोल निभाते नजर आते हैं और दर्शकों को हमेशा प्रभावित करते हैं. जल्द ही पंकज त्रिपाठी अक्षय कुमार के साथ फिल्म ओह माय गॉड 2 में दिखाई देने वाले हैं. फिल्म की रिलीज से पहले लेटेस्ट ली ने उनसे खास मुलाकात की और उनकी जिंदगी से जुड़े अहम पहलुओं पर बारीकी से नजर डाली. Akshay Kumar ने आध्यात्मिक गुरु Sadhguru के लिए OMG 2 की रखी स्क्रीनिंग, सामने आया फिल्म का रिव्यू (Watch Video)
- किताबें पढ़ने से पता चलता है हम कितने बड़े अज्ञानी हैं
- गांव चुपके से जाता हूं और चुपके से वापस आता हूं, ताकि किसी को भनक न लगे
- स्टारडम की वजह से पहले जैसा माता-पिता के साथ वक्त बिताने का नहीं मिलता मौका
- माता-पिता को मुंबई लाने का किया प्रयास, पर अब नहीं बोलूंगा
- व्यस्तता के चलते हर किसी के लिए उपलब्ध रहना है मुश्किल
पंकज त्रिपाठी ने अब बोलना कम कर दिया है, किन कारणों की वजह से बदलाव आए हैं?
बोलने के लिए कुछ था नहीं, मुझे लगा था कि मैं बहुत ज्ञान दे रहा हूं. तो मैं किताबें पढ़ने लगा और जब किताबें पढ़ने लगा, तो मुझे ज्ञात हुआ कि मैं कितना अज्ञानी हूं. ज्ञान की ही खासियत है कि जैसै-जैसे आपके ज्ञान का दायरा बढ़ता है, वैसे-वैसे आपको पचा चलता है कि आप कितने बड़े अज्ञानी थे या हैं. तो आदमी चुप हो जाता है, बोलना नहीं चाहता, तो मैं उस मूड में हूं. प्रोफेशन की मजबूरी हैं कि फिल्म हैं उनका प्रमोशन है तो मुझे बातें करनी पडेंगी. आजकल मैं भारतीय दर्शन पढ़ रहा हूं. अच्छा लगता है किताबें ज्ञान देती रहती हैं. जैसे-जैसे समय मिलता है कुछ न कुछ पढ़ता रहता हूं, साथ ही मुझे आध्यात्मिक ज्ञान लेने का भी शौख है तो वह भी लेते रहता हूं.
पंकज त्रिपाठी अब एक बड़े स्टार बन गए हैं, जब गांव जाते हैं तो किस तरह का माहौल होता है, आप दर्शकों के प्रेम को किस तरह से लेते हैं?
मेरे लिए गांव में कुछ बदला नहीं हैं, अभी भी वैसे ही लुंगी पहनकर घूमता हूं. चाय की नई-नई दुकानें खुल जाती हैं. जिलाधिकारी पुलिस भेज देते हैं, तो ऐसे ही माहौल बन जाता है. हालांकि मुझे यह सब पसंद नहीं है. चुपके से जाता हूं,मां-बाप से मिलने जाता हूं और उन्ही से नहीं मिल पाता हूं. दिनभर घर के बाहर फोटो खिंचाना पड़ता है. जिनसे मिलने आया हूं वे घर में बैठे हैं. लोग आते हैं तो फोटो खिचवाओ नहीं तो सोचेंगे एरोगेंट हो गया है. तो मां बाप के साथ कम समय गुजरता है, फैंस के बीच अधिक समय गुजरता है. इसलिए अब मैं चुपके से जाता हूं, किसी को पता नहीं होता है. गोरखपुर से चुपचाप गाड़ी लेकर जाता हूं, दो दिन रुकता हूं और जब बात फैलने लगती है कि आ गए आ गए हैं, तो निकल जाता हूं.
बेटा सफल हो जाए तो चाहता है, माता-पिता उसके साथ रहें, आपने प्रयास किया, उनका क्या रिस्पॉन्स था?
एक पेड़ जो अपने बगीचे में अपने खेत में आयु का 90 फीसदी हिस्सा जी चुका है, और अब आप बोलो कि यहां से आपको निकालकर मुगल गार्डन दे रहा हूं, 16 माली ऑर्गेनिक पानी मिलेगा, आ जाइए, पेड़ बोलेगा मुबारक हो आपको आपका ऑर्गेनिक गार्डन, मुझे मेरी जमीन पर रहने दो. मैं कई बार सोचा बात किया, वे यही बात कहते हैं कि बेटा आपकी दुनिया वो है, हमारी दुनिया ये है. यहां पर जो गाय है और खेत का अनाज और यही चेहरे हैं, जिसके साथ हम जिये हैं. हमें मुगल गार्डन में मत लेकर जाओ. जिस दिन मुझे अनुभूति हुई मैंने सोचा इन्हें कभी नहीं बोलूंगा. पर हां मैं हर तीसरे चौथे महीने गांव पहुंच जाता हूं.
पहले आपसे डायरेक्ट बातें हो जाती थीं, अब पंकज त्रिपाठी के पास मीडिया के लिए वक्त नहीं रहा?
अब आपको भी समझना पड़ेगा कि मैं अब 30 दिन में 30 दिन शूटिंग करता हूं. जैसे-जैसे अभिनेता की जिम्मेदारिया बढ़ती हैं उसको, एक लीड रोल मिल गया, पहले दो-तीन सीन मिला करते थे. सुबह 9 बजे सेट पर बुला लिए मेरा टाइम आएगा शाम को 8 बजे. इस बीच आपका फोन आ गया आपसे बात कर लिया, मामा से बात कर ली.
पंकज ने आगे कहा, अब ऐसा हो गया है कि सेट पर जाते हैं तो गाड़ी पर स्क्रिप्ट पढ़ते हुए जाते हैं. वहां पहुंचते ही मेकअप वाले रेडी हैं, मेकअप चालू नहीं हुए एडी आकर कितना टाइम और? कितना टाइम और? भैया तेरा रोल टाइम 9.30 का है न मैं मिल जाऊंगा. मेरा फोन नंबर वही है, एक नंबर का आदमी हूं. अब समस्या यह है कि मैं फोन उठाऊंगा तो काम नहीं कर पाउंगा. पहले काम में इतनी व्यस्तता नहीं थी. अब प्रोड्यूसर 12 घंटे के लिए बुलाता है तो 11 घंटे 50 मिनट काम कराता है. अब आपका स्क्रीन स्पेस बढ़ गया है, कहानी में आपकी हिस्सेदारी बड़ी हो गई है.
पंकज त्रिपाठी जल्द ही अमित राय द्वारा डायरेक्टेड ओमएमजी 2 में नजर आएंगे. यह फिल्म 2012 में रिलीज हुई सुपरहिट फिल्म ओएमजी का सीक्वल है. जिसमें अक्षय कुमार और यामी गौतम भी प्रमुख भूमिकाओं में हैं. यह फिल्म 11 अगस्त को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. इसके अलावा पंकज मैं अटल हूं और फुकरे 3 जैसी फिल्मों में भी जल्द ही दिखाई देंगे.