Lata Mangeshkar Jayanti: स्वर कोकिला से जुड़ी 7 रोचक बातें, क्रिकेट की दीवानी थी लता दीदी!

लता मंगेशकर, जिन्हें पूरे देश में 'स्वर कोकिला' के नाम से जाना जाता है, का भारतीय संगीत और सिनेमा में योगदान अमूल्य है. 28 सितंबर को उनकी जयंती के अवसर पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जो न सिर्फ उनके जीवन के सफर को और करीब से जानने का मौका देंगी.

Lata Mangeshkar Photo Credits: (Wikimedia Commons)

Lata Mangeshkar Jayanti: लता मंगेशकर, जिन्हें पूरे देश में 'स्वर कोकिला' के नाम से जाना जाता है, का भारतीय संगीत और सिनेमा में योगदान अमूल्य है. 28 सितंबर को उनकी जयंती के अवसर पर हम उनके जीवन से जुड़ी कुछ ऐसी दिलचस्प बातें बता रहे हैं, जो न सिर्फ उनके जीवन के सफर को और करीब से जानने का मौका देंगी, बल्कि उनकी प्रतिभा और व्यक्तित्व की गहराई को भी उजागर करेंगी. साथ ही कुछ बातें ऐसी भी हैं जो आपने पहले नहीं सुनी होंगी.

सबसे ज्यादा गाना गाने का रिकॉर्ड

लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सबसे अधिक गाने रिकॉर्ड करने वाली गायिका के रूप में दर्ज है. उन्होंने अपने पूरे करियर में करीब 30,000 से अधिक गाने 36 से ज्यादा भाषाओं में गाए हैं.

लता मंगेशकर (Photo Credit: FB)

भारत रत्न से सम्मानित

लता मंगेशकर को 2001 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान 'भारत रत्न' से नवाजा गया था. यह सम्मान उन्हें भारतीय संगीत और संस्कृति में उनके अद्वितीय योगदान के लिए दिया गया.

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम दर्ज

1974 में लता मंगेशकर का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने वाली कलाकार के रूप में दर्ज हुआ. उन्होंने अपने लंबे करियर में हजारों गीत गाए, जिनमें से कई सदाबहार बन गए हैं.

गायिका लता मंगेशकर का निधन (Photo Credit : ANI)

ए मेरे वतन के लोगों का जादू

1963 में गाया हुआ उनका देशभक्ति गीत ए मेरे वतन के लोगों भारतीय इतिहास का हिस्सा बन गया. यह गीत उन्होंने भारत-चीन युद्ध के शहीदों की याद में गाया था. जब उन्होंने यह गीत तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के सामने गाया, तो नेहरू जी की आंखों में आंसू आ गए थे.

गायिका लता मंगेशकर और पूर्व पीएम जवाहर लाल नेहरू (Photo Credit : Twitter)

संगीत की कोई औपचारिक शिक्षा नहीं

यह जानकर आपको आश्चर्य होगा कि लता मंगेशकर ने कभी संगीत की औपचारिक शिक्षा नहीं ली थी. उनकी अद्वितीय आवाज़ और गायकी की प्रतिभा प्राकृतिक थी, जिसे उन्होंने अपने निरंतर अभ्यास और समर्पण से संजोया.

शुरुआत में अस्वीकृति का सामना

लता मंगेशकर की पतली आवाज़ के कारण उन्हें अपने करियर के शुरुआती दिनों में कई बार अस्वीकृति का सामना करना पड़ा. कई निर्माताओं ने उनकी आवाज़ को बहुत पतला कहकर खारिज कर दिया. हालांकि, उन्होंने अपनी मेहनत और हुनर से इस अस्वीकृति को पीछे छोड़ते हुए सफलता की नई इबारत लिखी.

गायिका लता मंगेशकर और पीएम मोदी Photo Credit : Twitter)

क्रिकेट की दीवानी थीं लता दीदी

बहुत कम लोग जानते हैं कि लता मंगेशकर को क्रिकेट से बेहद लगाव था. वह भारतीय क्रिकेट टीम की बड़ी प्रशंसक थीं और कई बार स्टेडियम में मैच देखने भी जाती थीं. उन्होंने 1983 में भारत के विश्व कप जीतने के बाद क्रिकेट टीम के लिए एक विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किया था, जहां उन्होंने अपनी प्रसिद्ध गायिकी से टीम का मनोबल बढ़ाया था.

लता मंगेशकर का जीवन सिर्फ संगीत तक ही सीमित नहीं था, बल्कि वह एक बहुमुखी व्यक्तित्व थीं, जिन्होंने भारतीय संस्कृति, कला और मनोरंजन को अपने अनमोल योगदान से समृद्ध किया. उनकी जयंती पर उनके जीवन की इन खास बातों को जानकर, हमें उनके संगीत से जुड़ी गहराई का अनुभव होता है और उनके योगदान की महत्ता का सम्मान करने का अवसर मिलता है.

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