गुलाबो सिताबो की रिलीज के बाद आयुष्मान खुराना ने अमिताभ बच्चन के लिए लिखा भावुक नोट, कहा- मेरी क्या मजाल
फिल्म रिलीज के बाद अब आयुष्मान खुराना ने अपनी तरफ से सोशल मीडिया पर एक बेहद ही भावुक नोट लिखकर अमिताभ बच्चन के प्रति अपने दिल में सम्मान की भावना को दिखाया है.
अमिताभ बच्चन (Amitabh Bachchan) और आयुष्मान खुराना (Aayushmann Khurrana) की फिल्म गुलाबो सिताबो (Gulabo Sitabo) सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. इस फिल्म से पहली बार आमिताभ बच्चन और आयुष्मान खुराना ने साथ काम किया है. फिल्म को लोगों से मिक्स रिव्यू मिल रहा है. फिल्म को मेकर्स ने लॉकडाउन के मद्देनजर अमेजन प्राइम वीडियो पर रिलीज किया है. फिल्म रिलीज के बाद अब आयुष्मान खुराना ने अपनी तरफ से सोशल मीडिया पर एक बेहद ही भावुक नोट लिखकर अमिताभ बच्चन के प्रति अपने दिल में सम्मान की भावना को दिखाया है. इसके साथ ही उन्होंने फिल्म के डायरेक्टर शूजित सरकार का भी शुक्रिया किया. क्योंकि बिना शूजित के आयुष्मान का बिग बी के साथ काम करने का सपना इतनी जल्दी पूरा नहीं हो पाता था.
आयुष्मान ने अपने इंस्टाग्राम पर अमिताभ बच्चन के साथ फिल्म की एक फोटो शेयर करते हुए लंबा चौड़ा पोस्ट लिखा है. आयुष्मान ने लिखा कि जब भी हमारे देश में कोई नौजवान अभिनय के क्षेत्र में कदम रखना चाहता है तो उसका ध्येय होता है अमिताभ बच्चन. मेरी आख़िरी फ़िल्म में एक डायलॉग था कि बच्चन बनते नहीं है, बच्चन तो बस होते हैं. जब मैंने बचपन में चंडीगढ़ के नीलम सिनमा में “हम” देखी थी और बढ़े से बच्चन को बढ़े से पर्दे पर देखा था तो शरीर में ऐसी ऊर्जा उत्पन्न हुई जिसने मुझे अभिनेता बनने पर मजबूर कर दिया.
आयुष्मान आगे बताते है कि मेरा पहला टीवी शूट मुकेश मिल्ज़ में हुआ था और यही वो जगह थी जहां जुम्मा चुम्मा दे दे शूट हुआ था. उस दिन मुझे I have arrived वाली feeling आ गयी थी. अगर तब यह हाल था तो आज आप सोच सकते होंगे मैं किस अनुभूति से गुज़र रहा होऊंगा. गुलाबो सिताबो में मेरे सामने बतौर ‘सह’ कलाकार यह हस्ती खड़ी थी और किरदारों की प्रवृति ऐसी थी की हमें एक दूसरे को बहुत ‘सहना’ पड़ा. वैसे असल में मेरी क्या मजाल की मैं उनके सामने कुछ बोल पाऊं.
आयुष्मान खुराना ने इसके लिए शूजित सरकार का शुक्रिया अदा करते हुए लिखा ‘इस विसमयकारी अनुभव के लिए मैं शूजित दा का धन्यवाद करना चाहूंगा की उन्होंने मुझे अमिताभ बच्चन जैसे महानायक के साथ एक फ़्रेम में दिखाया है. दादा आप मेरे गुरू हैं, आपका हाथ थाम कर यहां तक पहुंचा हूं. “सौ जन्म क़ुर्बान यह जन्म पाने के लिए, ज़िंदगी ने दिए मौक़े हज़ार हुनर दिखाने के लिए.”