Bhumi Pednekar के मुताबिक हिंदी सिनेमा को जीवन जीने का स्थायी तरीका दिखाना चाहिए

अभिनेत्री और जलवायु कार्यकर्ता भूमि पेडनेकर का मानना है कि अब समय आ गया है कि हिंदी सिनेमा अपनी फिल्मों में जीने का एक स्थायी तरीका दिखाना शुरू करे.

भूमि पेडनेकर (Photo Credits: Instagram)

नई दिल्ली, 25 सितम्बर: अभिनेत्री और जलवायु कार्यकर्ता भूमि पेडनेकर (Bhumi Pednekar) का मानना है कि अब समय आ गया है कि हिंदी सिनेमा अपनी फिल्मों में जीने का एक स्थायी तरीका दिखाना शुरू करे.

भूमि ने आईएएनएस के साथ बातचीत में कहा, "मुझे निश्चित रूप से लगता है कि यह उचित समय है कि हिंदी सिनेमा अपनी फिल्मों में जीने का एक स्थायी तरीका दिखाना शुरू करे. मुझे लगता है कि एक बिरादरी के रूप में हम जाग गए हैं और मैं व्यक्तिगत रूप से विश्वास करना चाहूंगी कि हम अन्य इंडस्ट्री की तुलना में अधिक जागरूक हैं, लेकिन मुझे अभी भी लगता है कि हम पर्याप्त नहीं कर रहे हैं. "यह भी पढ़े:मुंबई और लद्दाख में बैक टू बैक शूटिंग कर रहें हैं Pankaj Tripathi

अभिनेत्री के पास तीन फिल्में 'मिस्टर लेले', 'रक्षा बंधन' और 'बधाई दो' हैं. उनका मानना है कि संवाद प्रदान करने वाली फिल्मों में कहानियों की जरूरत है. उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमें फिल्मों में ऐसी कहानियों की जरूरत है जो संचार प्रदान करें क्योंकि यह संदेश को जन-जन तक पहुंचाने का सबसे शक्तिशाली माध्यम है. "

Share Now

\