मुंबई : अभिनेता आयुष्मान खुराना (Ayushmann Khurrana) को हाल ही में उनकी फिल्म 'अंधाधुन' के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है और अब आयुष्मान ने इंडस्ट्री में अपने इस सफर को एक भावनात्मक कविता के माध्यम से व्यक्त किया है. हिंदी में लिखी गई इस कविता में आयुष्मान ने लिखा है कि जब वह पहली बार मुंबई आए थे, उस दिन भी इसी तरह से बारिश हो रही थी, जिस तरह से आज हो रही है.
इसके बाद कविता में उन्होंने अपने माता-पिता का भी जिक्र किया है जिन्होंने नम आंखों से उन्हें विदा किया जब वह अपने सपनों को जीने के लिए घर छोड़कर आ रहे थे. अपने दोस्तों और मुंबई में आने के दौरान सेकेंड क्लास स्लीपर कोच में अपने सफर को याद करते हुए आयुष्मान ने कहा कि ये यादें आज भी उनके दिमाग में ताजा है.
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कविता का अंत आयुष्मान ने अपने संघर्षो के साथ किया जिनका सामना उन्होंने अपने फिल्मी सफर के दौरान किया, जिसने उन्हें नेशनल अवॉर्ड का हकदार बनाया. आयुष्मान की फिल्म 'बधाई हो' को बेस्ट पॉपुलर फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है जिसने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया.