Aamir Khan के Intolerance कमेंट के खिलाफ दर्ज याचिका को छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने किया खारिज
बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के असहिष्णुता वाले बयान को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दर्ज क्रिमिनल पेटीशन को खारिज कर दिया गया है. साल 2014 में आमिर का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है.
Aamir Khan Intolerance Comment Controversy: बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान के असहिष्णुता वाले बयान को लेकर छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में दर्ज क्रिमिनल पेटीशन को खारिज कर दिया गया है. साल 2014 में आमिर का एक बयान आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि देश में असहिष्णुता बढ़ती जा रही है. इसके खिलाफ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की गई थी. इसपर सुनवाई करते हुए न्यायधीश संजय के अग्रवाल (Sanjay K Agrawal) की एकल बेच ने इसे निराधार करार दिया.
याचिका पर सुनवाई करते हुए अदलत ने कहा, "इस तरह की तत्काल याचिका में हमें किसी तरह की योग्यता दिखाई नहीं देती. इसलिए इसे निराधार और योग्य होने के चलते खारिज किया जाता है."
इस याचिका को एडवोकेट दीपक दीवान ने फाइल किया था जहां आमिर खान के असहिष्णुता बयान पर आपत्ति जताई गई थी. याचिका में कहा गया कि आमिर ने अपने इस बयान से समाज में नफरत फैलाने का काम किया है.
ज्ञात हो कि रामनाथ गोयंका अवॉर्ड सेरेमनी में बातक करते हुए कि देश में बढ़ते असहिष्णुता के मामलों से वो चिंतित हैं और उनकी पत्नी किरण राव ने उन्हें देश छोड़ने की तक सलाह दे दी है. आमिर ने कहा था कि ये राजनीतिक पार्टियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि देश में सुरक्षा बनी रहे और हम ऐसे कोई भी मामले न देखें.
गौरतलब है कि दादरा लिंचिंग केस को लेकर आमिर ने ये बयान दिया था. दादरा में बीफ के सेवन और उसे रखने के शक के आधार पर एक व्यक्ति की भीड़ द्वारा हत्या कर दी गई थी. इसी मामले को लेकर आमिर ने अपनी चिंता जताई थी.