Nana Patekar 69th Birthday: देश के जाने माने एक्टर नाना पाटेकर आज 69 वर्ष के हो चले हैं. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में उनके हुनर और उनकी प्रतिभा को मद्देनजर रखते हुए उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार और साथ ही पद्माश्री पुरस्कार का सम्मान भी प्राप्त है. 1 जनवरी, 1951 को रायगढ़ (Raigad) में जन्में नाना पाटेकर ने अपने कॉलेज की पढ़ाई मुंबई में की थी. इसी शहर से उनका फिल्मी सफर भी शुरू हुआ और उन्होंने यहां अपने शानदार काम और दमदार अभिनय के चलते यहां काफी इज्जत कमाई.
नाना इन दिनों भले ही फिल्मों में कम नजर आते होंगे लेकिन इतने बड़े कलाकार बनने के बावजूद भी वो अपना जीवन बिलकुल सादगी में बिताना पसंद करते हैं. अपने सामाजिक संस्था 'नाम फाउंडेशन' की मदद से वो सूखा ग्रस्त इलाकों में परेशान किसानों की मदद करते आए हैं. महाराष्ट्र के विदर्भ और मराठवाड़ा इलाके में उन्होंने किसानों की काफी मदद भी की है.
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आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको उनकी फिल्मों के कुछ ऐसे डायलॉग्स बताने जा रहे हैं जो आज भी उतने ही सच साबित होते हैं और साथ ही उनके नो नॉनसेन्स पर्सनालिटी को दर्शाती है.
"अपना टी उसूल है...पहले लात...फिर बात...फिर मुलाकात"
"आ गए मेरी मौत का तमाशा देखने"
"साले अपने खूद के देश में सुई नहीं बना सकते ... और हमारा देश तोड़ने का सपना देखते हैं."
"एक मच्छर आदमी को हिजड़ा बना देता है"
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"ये मुसलमान का खून...ये हिंदू का खून...बता इस में मुसलमान का कौनसा हिंदू का कौनसा, बता?"
"भगवान का दिया सब कुछ है...दौलत है, शोहरत है, इज्जत है"
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"मराठा मरता है या मारता है"
"सौ में से अस्सी बेईमान फिर मेरा देश महान"
नाना पाटेकर के ये डायलॉग्स आज भी हमें झकझोड़ कर रख देते हैं और साथ ही इस समाज को सच्चाई का आईना दिखाते हैं.